Rajya Sabha Elections: विधायकों को खोने से 'डर' रहे सीएम ठाकरे, वोटिंग से पहले उठाया ये बड़ा कदम
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Rajya Sabha Elections: विधायकों को खोने से 'डर' रहे सीएम ठाकरे, वोटिंग से पहले उठाया ये बड़ा कदम

दो दशक से अधिक समय के बाद महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में टक्कर देखने को मिलेगी, क्योंकि छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. शिवसेना ने दो उम्मीदवारों-संजय राउत और संजय पवार को मैदान में उतारा है. 

Rajya Sabha Elections: विधायकों को खोने से 'डर' रहे सीएम ठाकरे, वोटिंग से पहले उठाया ये बड़ा कदम

Rajya Sabha Elections 2022: महाराष्ट्र में 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले एकजुटता दिखाते हुए मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को तीनों दलों के विधायकों के साथ बैठक की. 

एक तरफ जहां शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेताओं ने समर्थन जुटाने के लिए निर्दलीय विधायकों और छोटे दलों के साथ बातचीत की. वहीं, शिवसेना ने राज्यसभा चुनाव से पहले अपने विधायकों को उपनगरीय मलाड के एक रिजॉर्ट से दक्षिण मुंबई के एक पांच सितारा होटल में स्थानांतरित करने का फैसला किया.

मीटिंग में मुख्यमंत्री ठाकरे ने क्या कहा

शिवसेना विधायक और प्रवक्ता सुनील प्रभु ने मंगलवार शाम को न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जीत पक्की है. साथ ही तीनों दलों के विधायकों को एकजुट रहने को कहा.’’

उन्होंने बताया कि प्रहार जैसे छोटे दलों के विधायकों के अलावा निर्दलीय विधायक भी बैठक में उपस्थित रहे. इससे पहले दिन में, सुनील प्रभु ने कहा, “हम ‘द रिट्रीट’ (उत्तर-पश्चिमी मुंबई स्थित मड आइलैंड का रिजॉर्ट) में थे और हमारे सभी मंत्री भी वहां मौजूद थे. यह हमारी चुनावी रणनीति का हिस्सा था.”

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288 सदस्यीय सदन में शिवसेना के 55 विधायक हैं. पार्टी के एक विधायक का पिछले महीने दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. उद्धव ठाकरे ने सोमवार को अपनी पार्टी के सभी विधायकों और उसका समर्थन करने वाले अन्य सदस्यों से मुलाकात की थी.

6 सीटों के लिए 7 उम्मीदवारों में टक्कर

दो दशक से अधिक समय के बाद महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव में टक्कर देखने को मिलेगी, क्योंकि छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. शिवसेना ने दो उम्मीदवारों-संजय राउत और संजय पवार को मैदान में उतारा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक को उम्मीदवार बनाया है.

वहीं, एनसीपी से प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी चुनावी मैदान में हैं. छठी सीट के लिए पवार और महादिक के बीच मुकाबला है. विधानसभा के गणित के हिसाब से बीजेपी के पास दो सीटें जीतने के लिए पर्याप्त मत हैं, जबकि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक-एक सीट हासिल कर सकती हैं.

राज्य की महाविकास आगाडी (एमवीए) सरकार में शामिल शिवसेना (55), एनसीपी (52) और कांग्रेस (44) मिलकर शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित कर सकती हैं. एनसीपी के दो विधायक-अनिल देशमुख और नवाब मलिक जहां जेल में हैं, वहीं 288 सदस्यीय सदन में एक सीट खाली है. चार प्रमुख दलों के अलावा महाराष्ट्र विधानसभा में 25 निर्दलीय और छोटे दलों के विधायक भी मौजूद हैं.

शिवसेना ने विपक्षी दल बीजेपी पर ‘खरीद-फरोख्त’ और निर्दलीय विधायकों पर दबाव बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाने के बाद अपने विधायकों को एक जगह रखने का फैसला किया है. 

इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में समर्थन के लिए सत्ताधारी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के किसी भी नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया है.

ओवैसी ने नांदेड़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘यदि उन्हें हमारा समर्थन चाहिए तो उन्हें हमसे संपर्क करना चाहिए.’’ वहीं, बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने मंगलवार को हितेंद्र ठाकुर से मुलाकात कर उनका समर्थन मांगा. ठाकुर के बहुजन विकास अघाड़ी के तीन विधायक हैं और वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार के समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं.

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