अगर संत के हाथ में माला है, तो वो परशुराम भी हो सकता है... दिनेश शर्मा ने अखिलेश यादव को क्यों दी नसीहत?
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अगर संत के हाथ में माला है, तो वो परशुराम भी हो सकता है... दिनेश शर्मा ने अखिलेश यादव को क्यों दी नसीहत?

Akhilesh Yadav Mathadhish remarks on CM Yogi Adityanath:आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी की मिलावट का विवाद चल रहा है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सीएम योगी के मठाधीश वाले बयान ने यूपी की राजनीति में माहौल और गरमा दिया है, जानें राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने क्या कहा.

अगर संत के हाथ में माला है, तो वो परशुराम भी हो सकता है... दिनेश शर्मा ने अखिलेश यादव को क्यों दी नसीहत?

Dinesh Sharma On Akhilesh Yadav: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी की मिलावट का विवाद चल रहा है. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मठाधीश वाले बयान ने यूपी की राजनीति में माहौल और गरमा दिया है, जिस पर राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

संत की तुलना माफियाओं से करना उचित नहीं
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के मठाधीश वाले बयान पर बीजेपी नेता दिनेश शर्मा ने कहा, अब उनको पता चल गया कि अगर उत्तर प्रदेश का संत हाथ में माला लिया है, तो वो परशुराम की प्रवृत्ति का भी हो सकता है. संत का क्रोध और श्राप बहुत मायने रखता है. संत की तुलना माफियाओं से करना उचित नहीं है. संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शब्दों पर संयम रखना चाहिए. 

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सपा अध्यक्ष द्वारा यूपी में एनकाउंटर पर सवाल उठाए जाने पर भाजपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि जब अपनों को कष्ट होता है तो लोगों को पीड़ा होती है. उनके शासन में अपराध एक उद्योग बन गया था. लेकिन अब अपराधी उत्तर प्रदेश छोड़ रहे हैं या फिर दंडित हो रहे हैं. कष्ट उसी को हो रहा है, ज‍िन्‍होंने माफियाओं को संरक्षण दिया है. 

'मठाधीशों और माफियाओं में कोई अंतर नहीं है'
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि आज मठाधीशों और माफियाओं में कोई अंतर नहीं है. इसके बाद उन्होंने कहा कि हम साधु-संतों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री योगी तो खुद एक मठाधीश हैं. इस पर उत्तर प्रदेश की भाजपा कैबिनेट के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि मठों ने इस देश को दिशा दी है. मठों ने इस देश को एक सूत्र में पिरोया है. शंकराचार्य ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक और कामाख्या से कटक तक पूरे हिंदुस्तान को एक किया था. भाजपा नेता ने तंज कसते हुए आगे कहा कि अखिलेश यादव को पहले अपना ज्ञान ठीक कर लेना चाहिए. मठ इस देश की एकता, एकात्मता और शांति चेतना के प्रतीक हैं. वहां कोई माफिया नहीं पलते हैं. 

लड्डूओं में मिलावट को लेकर विवाद
बता दें कि गुरुवार को आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में मिलावट पर बड़ा खुलासा हुआ था. प्रसाद में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि हुई है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के तहत सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइव स्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) लैब की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ. इस मामले में दिनेश शर्मा ने कहा, पवित्र भावना से उनका ये एक सुझाव है. वो देख रहे हैं कि चारों तरफ से सनातन पर आघात हो रहा है. तो ऐसी स्थिति में सनातन परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखना भी सरकार का एक नैतिक दायित्व है. तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद प्रकरण को लेकर उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ये श्रद्धा के साथ खिलवाड़ है. जांच के बाद अन्य तथ्य सामने आएंगे और दोषियों के प्रति कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.

'सनातन धर्म रक्षण बोर्ड का गठन होना चाहिए'
इस मामले पर आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर पर सनातन धर्म रक्षण बोर्ड का गठन होना चाहिए. भाजपा नेता ने इसका समर्थन करते हुए कहा, सनातन तो सनातन है, इसको कोई समाप्त नहीं कर सकता, लेकिन अगर इस पर आक्रमण करने वालों को रोकने के लिए किसी बोर्ड का गठन हो जाए, तो स्वागतयोग्य है.

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