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नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेट टिकैत (Rakesh Tikait) खुद को किसानों का नेता कहते हैं. उन किसानों के हक की लड़ाई लड़ने का दावा करते हैं, जिनकी जिंदगी कर्ज के बोझ तले दबी होती है और कई तो इसी बोझ में दबकर खुदकुशी कर लेते हैं. किसानों (Farmers) की औसत कमाई जानते हैं कितनी है? एक महीने में सिर्फ 6400 रुपये. अब सवाल उठता है खुद को किसान नेता कहने का दावा करने वाले राकेश टिकैत की कमाई कितनी है?
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ज्यादातर किसान 6 महीने फसल उगाते हैं और 6 महीने बेरोजगार रहते हैं. जो अपने खून से खेत सींचते हैं और दूसरों के लिए अन्न उगाते हैं. कृषि प्रधान भारत में हमारे किसानों की गरीबी किसी से छिपी नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक भारत में 100 में से 52 किसान ऐसे हैं, जिनपर औसतन 1 लाख 40 हजार रुपए का कर्ज है. साल 2019 में 10 हजार किसानों ने आत्महत्या की. 76 प्रतिशत किसान ऐसे हैं, जो अब खेती छोड़ना चाहते हैं. गांवों में सिर्फ 1 प्रतिशत युवा ही ऐसे हैं, जो किसान बनना चाहते हैं.
सवाल नं. 1- सड़क पर बैठकर खाना खाने वाले किसान नेता राकेश टिकैत के पास कितनी संपत्ति है?
सवाल नं. 2- एक आंसू से आंदोलन में नई जान फूंकने वाले राकेश टिकैत का कारोबार कितना बड़ा है?
सवाल नं. 3- कृषि कानून पर मोदी सरकार की नाक में दम करने वाले किसान नेता राकेश टिकैत के पास कितने शोरूम और कितने पेट्रोल पंप हैं?
सवाल नं. 4- 2 महीने से सड़क पर दिन-रात बिताने वाले किसान नेता राकेश टिकैत के बच्चे कहां रहते हैं और क्या करते हैं?
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की 4 राज्यों में संपत्ति है और वो राज्य हैं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और महाराष्ट्र. एक आंकड़े और अनुमान के मुताबिक राकेश टिकैत की देश के 13 शहरों में संपत्ति है, जिनमें मुजफ्फरनगर, ललितपुर, झांसी, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, बदायूं, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, देहरादून, रूड़की, हरिद्वार और मुंबई शामिल हैं. एक अनुमान के मुताबिक राकेश टिकैत की संपत्ति करीब 80 करोड़ रुपये की है.
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) करीब 2 महीने से दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन को लीड कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान भी उनका कारोबार फल-फूल रहा है. उनकी करोड़ों की संपत्ति और बढ़ती जा रही है. बता दें कि हमारा ये कहना नहीं है कि राकेश टिकैत की संपत्ति अवैध है. वो उनकी मेहनत से बनाई गई संपत्ति हो सकती है, लेकिन क्या किसान आंदोलन का सच यही है कि जो अमीर हैं वो प्रदर्शन कर रहे हैं और जो गरीब किसान हैं वो खेतों में अपना और देश का पेट पालने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं?
1. ज़मीन
2. पेट्रोल पंप
3. शोरूम
4. ईंट-भट्टे
5. अन्य कारोबार
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में कांस्टेबल थे और किसान नेता कहे जाते हैं, लेकिन खेत तो सिर्फ टिकैत के साम्राज्य का एक भाग है. दूसरे भाग में बहुत सारे कारोबार हैं. ये वो कारोबार हैं, जिसके लिए किसान नहीं, बल्कि नेता बनना पड़ता है. 51 साल के राकेश टिकैत की शादी साल 1985 में सुनीता देवी से हुई थी और उनके तीन बच्चे हैं. एक बेटा जिसका नाम चरण सिंह है और दो बेटियां सीमा टिकैत और ज्योति टिकैत है.
राकेश टिकैत की दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है. राकेश टिकैत की छोटी बेटी ज्योति टिकैत ऑस्ट्रेलिया में रहती है. ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में 8 फरवरी को कृषि बिल के विरोध में बैठे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में रैली आयोजित की गई थी, जिसमे खुद टिकैत की बेटी मौजूद थी और ऑस्ट्रेलिया के लोगों से किसान आंदोलन के समर्थन करने के लिए बोल रही थी.
जहां एक तरफ राकेश टिकैत खुद को किसान के हक के लिए लड़ने वाला बता रहे हैं तो दूसरी ओर उसकी आड़ में राकेश टिकैत ने गैरकानूनी रूप से हिरण पाल रखा है. बता दें कि भारत मे हिरन सहित किसी भी जंगली जानवर को पकड़कर बंद करना दंडनीय अपराध है. इसके दोषी को सात साल की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
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