असम NRC मुद्दे पर बोले राम माधव, 'किसी के साथ नहीं होगा अन्याय, कोर्ट जा सकते हैं पीड़ित'
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असम NRC मुद्दे पर बोले राम माधव, 'किसी के साथ नहीं होगा अन्याय, कोर्ट जा सकते हैं पीड़ित'

राम माधव ने कहा, असम और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में हम कड़े निर्णय लेने को तैयार हैं, लेकिन किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा.

असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में कुल 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोग योग्‍य पाए गए हैं. (फाइल फोटो)

हैदराबाद : भाजपा के महासचिव राम माधव ने असम के एनआरसी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं होगा और संबंधित लोगों को अपनी नागरिकता सिद्ध करने के पर्याप्त अवसर दिए जाएंगे. उन्होंने दावा कि किसी भी सांप्रदायिक समूह को परेशान करने, किसी के खिलाफ किसी भी विरोधाभास के साथ यह प्रयास नहीं किए जा रहे.

उन्होंने कहा, ‘‘असम और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में हम कड़े निर्णय लेने को तैयार हैं, लेकिन किसी भी नागरिक के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा.’’ माधव ने कहा कि पीड़ित लोगों के पास ट्रिब्यूनल और उच्च न्यायालय जाने का विकल्प भी मौजूद है.

असम में अवैध रूप से रह रहे 40 लाख लोग
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में कुल 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोग योग्‍य पाए गए हैं. इनके अलावा 40 लाख लोगों के वहां अवैध रूप से रहने का दावा किया जा रहा है. यह आंकड़े एनआरसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी किए हैं. एनआरसी का कहना है कि यह सिर्फ मसौदा है, अंतिम सूची नहीं है. एनआरसी के रजिस्‍ट्रार जनरल शैलेश ने जानकारी दी है कि जिन लोगों का नाम पहले मसौदे में था और अंतिम मसौदे से गायब है, उन्‍हें एनआरसी की ओर से व्‍यक्तिगत पत्र भेजा जाएगा. इसके जरिये वह अपना दावा पेश कर सकेंगे. 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा बड़ी मनाव समस्या
उल्लेखनीय है कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह असम में हाल ही में प्रकाशित राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे में शामिल किए गए व्यक्तियों में से दस फीसदी के पुन:सत्यापन पर विचार कर सकता है. शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे को ‘‘बड़ी मानव समस्या’’ करार दिया था.

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