Researchers: धरती के सबसे नजदीक होने के बावजूद ये ब्लैक होल अभी तक इसलिए नहीं नजर आए है क्योंकि ये व्यवहारिक रूप से अदृश्य है. पहले वैज्ञानिक ब्लैक होल की खोज उन अवशेषों को देखकर किया करते थे जो ब्लैक होल का भोजन बनते थे. नासा के मुताबिक जब कोई तारा इंटरस्टेलर गैस का बादल किसी ब्लैक होल में गिरता है तो वह अपने पीछे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडियंस छोड़ता है.
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Scientist research: वैज्ञानिकों के लिए धरती के नजदीक दिखे दो ब्लैक होल इन दिनों चिंता का विषय बने हुए हैं. ये ब्लैक होल हमारी पृथ्वी से सबसे करीब में है. इससे पहले इन्हें कभी नहीं देखा गया था. खगोलविदों कि एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने इस होल की खोज की है. इसके लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के गैया मिशन के डाटा का इस्तेमाल किया गया है, जो दुनिया के ग्राउंड बेस्ट टेलीस्कोपों के साथ जुड़ा हुआ है. अब शोधकर्ता इस ब्लैक होल की क्षमता के बारे में जानने का प्रयास कर रहे हैं. इससे किस प्रकार के नुकसान हो सकते हैं ये अभी नहीं बताया जा सकता है. ESA के मुताबिक इन दोनों ब्लैक होल्स का नाम Gaia BH1 और GaiaBH2 है.
Gaia BH1 हमारे सौरमंडल से Ophiuchus तारामंडल की तरफ सिर्फ 15 साल वर्ष दूर है. ये पिछले सबसे बड़े ब्लैक होल की तुलना में करीब 3 गुना ज्यादा नजदीक है. Gaya BH2 करीब 3800 प्रकाश वर्ष दूर है. Centaurus तारामंडल की तरफ है. ये दोनों ब्लैक होल हमारे सूर्य से करीब 9 से 10 गुना ज्यादा बड़े हैं और हमारी अपनी आकाशगंगा के अंदर है.
ये होल व्यवहारिक रूप से अदृश्य है
धरती के सबसे नजदीक होने के बावजूद ये ब्लैक होल अभी तक इसलिए नहीं नजर आए है क्योंकि ये व्यवहारिक रूप से अदृश्य है. पहले वैज्ञानिक ब्लैक होल की खोज उन अवशेषों को देखकर किया करते थे जो ब्लैक होल का भोजन बनते थे. नासा के मुताबिक जब कोई तारा इंटरस्टेलर गैस का बादल किसी ब्लैक होल में गिरता है तो वह अपने पीछे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडियंस छोड़ता है. इससे वैज्ञानिकों को ब्लैक होल होने का पता चल पाता है, लेकिन ये खुद पिछली खोजो से बिल्कुल अलग है. साथ ही इसमें ऐसे कोई अवशेष भी नहीं है, जिससे पता लगाया जा सकता है कि इन्होंने किसी तारे को निगला है कि नहीं.
डगमगाते तारों को देख कर लगा अंदाजा
वैज्ञानिकों ने सूर्य जैसे दो तारों की गतिविधियों को देखकर उन्हें ब्लैक होल होने का पता चला. शोधकर्ताओं की मानें तो उन्होंने देखा कि अंतरिक्ष में 2 तारे कुछ डगमगा रहे थे. इससे पता चलता है कि वहां बहुत ज्यादा गुरुत्वाकर्षण हो रहा है या फिर कोई दूसरा तारा उन्हें अपनी और खींच रहा है लेकिन जब शोधकर्ताओं ने दूरबीन से बारीकी से जांच की तो वहां पर ब्लैक होल मिले.
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