UP News: मोदी- योगी के करिश्मे के बावजूद अयोध्या में क्यों हारी BJP? क्या अखिलेश की सोशल इंजीनियरिंग पड़ी भारी
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UP News: मोदी- योगी के करिश्मे के बावजूद अयोध्या में क्यों हारी BJP? क्या अखिलेश की सोशल इंजीनियरिंग पड़ी भारी

Lok Sabha Election Result 2024: पीएम मोदी और सीएम योगी के करिश्मे के बावजूद बीजेपी यूपी के लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई. इसकी टीस पीएम से लेकर कार्यकर्ताओं को अब भी है. अब धीरे- धीरे इस हार की वजहें सामने आ रही हैं. 

 

UP News: मोदी- योगी के करिश्मे के बावजूद अयोध्या में क्यों हारी BJP? क्या अखिलेश की सोशल इंजीनियरिंग पड़ी भारी

BJP on UP Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की दूसरी ग्राउंड रिपोर्ट आ चुकी है. जब से इस पर मंथन शुरू हुआ है, तब से अयोध्या पर सबसे ज्यादा फोकस है. अब वहां बीजेपी के खराब प्रदर्शन की वजह पता चल चुकी है. पूरे उत्तर प्रदेश और खासकर फैजाबाद सीट पर खराब प्रदर्शन ने बीजेपी को सबसे ज्यादा प्रभावित किया क्योंकि बीजेपी को इतने खराब प्रदर्शन की उम्मीद नहीं थी. 

इसकी वजह शायद सबको पता है. अयोध्या में श्रीराम मंदिर बीजेपी के लिए दशकों से बड़ा मुद्दा रहा और 2024 में पार्टी ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम को स्थापित कर दिया. लेकिन सूत्रों के मुताबिक अयोध्या की हार पर जो दूसरी रिपोर्ट आई. उसमें रामभक्तों पर जातीय समीकरण हावी हो गए. अब समझिए की अयोध्या में हार की मुख्य वजहें और क्या-क्या रहीं?

अयोध्या में इन 4 वजहों से हारी बीजेपी! 

- जातीय गोलबंदी

- कोऑर्डिनेशन की कमी

- कार्यकर्ताओं की अनदेखी

- आरक्षण पर बयानबाजी

काम कर गई अखिलेश की सोशल इंजीनियरिंग

रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि 24 के चुनाव में अखिलेश यादव की सोशल इंजीनियरिंग ने खूब काम किया. अखिलेश यादव ने जातीय गोलबंदी पर इतना ध्यान दिया कि आखिरी वक्त तक अपने उम्मीदवार बदलते रहे. इसी को समझते हुए अखिलेश यादव ने अयोध्या में अवधेश प्रसाद को टिकट दिया. जिनकी जाति की संख्या अयोध्या में सबसे ज्यादा है.

अयोध्या में हार-जीत का गणित

अयोध्या में साढ़े 3 लाख पासी मतदाता हैं. सपा के अवधेश प्रसाद पासी जाति के हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कुर्मी, पासी समाज इस चुनाव में SP के साथ गया था. मौर्य, निषाद, पाल, कोरी भी SP के साथ गए. मुसलमान, यादव का एकमुश्त वोट भी सपा को मिला. फैजाबाद सीट पर बीजेपी सिर्फ अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में ही जीत दर्ज कर सकी. बाकी 4 विधानसभा क्षेत्रों में SP को जीत मिली. बीजेपी की दूसरी आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक शहरी मतदाता वोट देने नहीं निकले, जिससे उसका मत-प्रतिशत घट गया. वहीं अयोध्या राम मंदिर के आसपास बड़ी संख्या में तोड़फोड़ ने भी लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया. 

भीतरघात ने भी खूब निभाया रोल

बस अखिलेश का यही PDA समीकरण काम कर गया और फैजाबाद में भी बीजेपी का प्रदर्शन खराब हो गया. इसी के साथ यूपी में भी बीजेपी का प्रदर्शन खराब हो गया. भीतरघात...भीतरघात और भीतरघात...यही वो शब्द है, जो यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन पर चल रहे मंथन पर सबसे ज्यादा गूंज रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक अयोध्या के अलावा पूरे यूपी में भी बीजेपी के मंथन की आंतरिक रिपोर्ट भी आ चुकी है और हारे हुए प्रत्याशियों की रिपोर्ट में ज्यादातर भीतरघात की बात कही गई है. इसके अलावा दूसरी रिपोर्ट में यूपी में बीजेपी की हार कि पांच वजहें और क्या है, वो भी जानिए

यूपी में हार पर दूसरी रिपोर्ट में निकली वजहें

उम्मीदवार खुद को जीता हुआ मान रहे थे

मोदी-योगी के चेहरे पर ज्यादा भरोसा था

जातीय  गोलबंदी से हार हुई

राज्य सरकार की सलाह की अनदेखी हुई

2 बार से ज्यादा जीते सांसदों में गुस्सा  

पीएम-सीएम की लोकप्रियता के भरोसे बैठे रहे?

इससे पहले मंडल स्तर की रिपोर्ट प्रदेश बीजेपी नेतृत्व को सौंपी गई थी. इसमें भी गुटबाजी का जिक्र तो था ही, साथ ही संगठन और सांसदों के बीच प्रचार में तालमेल न होने की बात कही गई थी. चुनाव में उतरे सांसद प्रत्याशी सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी की लोकप्रियता के भरोसे बैठे रहे. प्रचार में वो जमीनी स्तर पर उतरे ही नहीं, भयंकर गर्मी के बीच वो सिर्फ बड़ी जगहों पर जनसभा और रैलियों से ही माहौल बनाते रहे. 

अयोध्या में हार पर बीजेपी आहत

अब तक दो रिपोर्ट आ चुकी है और तीसरी रिपोर्ट का इंतजार है. इसी बीच यूपी के नतीजे को लेकर बीजेपी की आज समीक्षा बैठक हुई. इसमें अयोध्या सीट पर हार को लेकर बैठक में मंथन किया गया. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह समेत स्थानीय संगठन के कई नेता शामिल रहे. माना जा रहा है कि इन समीक्षाओं के बाद बीजेपी पार्टी संगठन में कई बड़े बदलाव कर सकती है.

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