Bihar Politics: एनईईटी यूजी 2024 पेपर लीक मामले को लेकर बिहार में सबसे ज्यादा सियासी बयान सामने आ रहे हैं. भाजपा और राजद की टॉप लीडरशिप एक-दूसरे पर कड़े हमले कर रही है. इसके पीछे लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे के बाद बिहार विधानसभा का बदला समीकरण और आगामी उपचुनावों में होने वाली सियासी जंग को बड़ी वजह माना जा रहा है.
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NEET UG 2024 Paper Leak Case: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे और केंद्र में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार के गठन के बाद बिहार में सियासी हवा बेहद गर्म है. एनईईटी-यूजी 2024 पेपर लीक और यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने के बाद खासकर बिहार में सत्ता और विपक्ष के बीच आरोपों और सवालों का दौर परवान पर है. इसके पीछे बिहार विधानसभा में हाल में बदले नंबर गेम और पांच सीटों पर होने वाले उपचुनावों को बड़ी वजह बताया जा रहा है.
एनईईटी परीक्षा पेपर लीक मामले में तेजस्वी पर सरगनाओं से करीबी का आरोप
एनईईटी परीक्षा पेपर लीक मामले में सरगना सरकारी जूनियर इंजीनियर सिकंदर कुमार यादवेंदु की गिरफ्तारी और तेजस्वी यादव के पर्सनल सेक्रेटरी प्रीतम कुमार के साथ उसकी नजदीकी के बाद भाजपा नेताओं ने राजद और तेजस्वी के खिलाफ आरोपों और सवालों की झड़ी लगा दी. डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस कर तमाम सबूत दिखाने का दावा करते हुए एनएच गेस्ट हाउस में सिकंदर के लिए कमरा बुक करवाने के लिए तेजस्वी यादव के प्रभाव के इस्तेमाल का आरोप लगाया.
भाजपा पर राजद का पलटवार, सम्राट चौधरी और नीतीश कुमार पर उठे सवाल
दूसरी ओर, राजद सांसद मनोज झा ने तेजस्वी यादव का बचाव किया. उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को घेरना जारी रखा. राजद ने दूसरे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के साथ एनईईटी पेपर लीक मामले के एक आरोपी अमित आनंद की तस्वीर जारी कर भाजपा पर सवाल खड़े किए गए. वहीं, राजद नेताओं ने मामले के एक और बड़े आरोपी संजीव मुखिया समेत कई अभ्यर्थियों के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा के होने को लेकर भी संदेह जताए हैं.
बिहार विधानसभा उपचुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है एनईईटी पेपर लीक मामला
इस बीच, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे के बाद बिहार विधानसभा में बदले नंबर गेम के चलते एनईईटी पेपर लीक मामला आगामी उपचुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है. भाजपा और राजद के एक-दूसरे पर हमलावर होने की खास वजह सियासी ओहदे की रस्साकशी है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे के मुताबिक, राजद बिहार में सबसे बड़ी पार्टी थी. हाल ही में भाजपा ने पहली बार इस रुतबे पर कब्जा कर लिया है.
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे के बाद कितना बदला बिहार विधानसभा का गणित
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे के बाद चार विधायकों के सांसद बनने और एक विधायक के इस्तीफे के चलते भाजपा बिहार विधानसभा में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बन गई है. मौजूदा वक्त में भाजपा के विधायकों की संख्या 78 है. वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी राजद दूसरे नंबर पर खिसक गई है. अब 79 से घटकर राजद के 77 एमएलए हैं. बीमा भारती के इस्तीफे के चलते जदयू के 44 विधायक हैं. वामपंथी दलों के पास 15 और कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं. बिहार विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के सामने अपने सियासी ओहदे को बरकरार रखने की चुनौती है, वहीं, राजद वापसी के लिए पूरी मशक्कत कर रही है.
बिहार में किन पांच विधानसभा में होने वाला है उपचुनाव, किस पार्टी की कौन सी सीट
बिहार में गया की इमामगंज, जहानाबाद की बेलागंज, आरा की तरारी, बक्सर की रामगढ़ और पुर्णियां की रुपौली विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. इमामगंज सीट से हम के नेता जीतनराम मांझी विधायक बने थे. भाकपा माले के सुदामा प्रसाद तरारी सीट से विधायक थे. राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव बेलागंज सीट से और सुधाकर सिंह रामगढ़ सीट से विधायक चुने गए थे. यानी इनमें दो सीट राजद के विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई है.
इसके अलावा जदयू, भाकपा माले और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा सेक्युलर की एक-एक सीट खाली हुई है. इनमें से चार सीटों के विधायक अब लोकसभा सांसद बन गए हैं. इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. वहीं, रुपौली सीट से जदयू की विधायक बीमा भारती ने विधानसभा की सदस्यता और पार्टी से इस्तीफा देकर राजद के टिकट पर पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ कर हार चुकी हैं.
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रुपौली सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव, बाकी पर चुनाव आयोग जल्द करेगा फैसला
सांसद बनने के बाद विधायक पद से इस्तीफा देने के चलते खाली हुई चार विधानसभा सीटों की सूचना चुनाव आयोग को भेज दी गई. चुनाव आयोग इन चारों सीटों पर उपचुनाव की तिथि निर्धारित करेगा. हालांकि, बीमा भारती के इस्तीफे के खाली रुपौली सीट पर 10 जुलाई को उपचुनाव होने वाला है. इन पांचों विधानसभा सीटों पर सियासी संग्राम होने वाला है. इसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले का लिटमस टेस्ट भी कहा जा रहा है. इन पांच सीटों पर उपचुनाव में एनडीए खेमे की तरफ से भाजपा दो, जदयू दो और एक सीट पर मांझी की पार्टी हम चुनाव लड़ सकती है.
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