भारत जलवायु कार्यवाही पर फिर से ध्यान केन्द्रित करने के लिए महासचिव की पहल का स्वागत करता है.
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संयुक्त राष्ट्र: आशीष सिन्हा ने कहा कि वह जीडीपी को बढ़ाने के साथ ही काफी हद तक उत्सर्जन में कमी कर रहा है, गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा स्रोतों का दोहन किया जा रहा है और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कार्बन सिंक का निर्माण किया जा रहा है. महासभा की दूसरी समिति में सतत विकास पर चर्चा में भाग लेते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव आशीष सिन्हा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन सतत विकास का एक महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि जन स्वास्थ्य, खाद्य और जल सुरक्षा, प्रवास और शांति तथा सुरक्षा पर इसके प्रभाव पड़ते है.
उन्होंने कहा कि भारत की जलवायु कार्य योजनाएं जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में हमारे योगदान को पूरी मजबूती के साथ प्रदर्शित करती है. उन्होंने कहा कि जीडीपी बढाने के साथ ही हम बहुत हद तक उत्सर्जन में कमी ला रहे है, गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा स्रोतों का दोहन कर रहे है और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कार्बन सिंक का निर्माण कर रहे है. उन्होंने कहा कि भारत जलवायु कार्यवाही पर फिर से ध्यान केन्द्रित करने के लिए महासचिव की पहल का स्वागत करता है.
सिन्हा ने कहा कि सतत विकास के लिए जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण घटक है क्योंकि जन स्वास्थ्य, खाद्य एवं जल सुरक्षा, शांति और सुरक्षा पर इसके प्रभाव पड़ते है. उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को ध्यान में रखते हुए 2030 एजेंडा को अंगीकार किया गया है जो बहुपक्षीय तथा सामूहिक कार्यवाही में विश्व के विश्वास को फिर से जागृत करता है. उन्होंने कहा कि एसडीजी में भारत के राष्ट्रीय विकास लक्ष्य नजर आ रहे है. सभी स्तरों पर लक्ष्य और प्रयासों की एकजुटता और सरकारी दृष्टिकोण के साथ एजेंडा 2030 को हासिल करने की तरफ बढा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि एसडीजी को लागू करने पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी नीति आयोग को दी गयी है. सबका साथ सबका विकास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसे सामूहिक प्रयास, समावेशी विकास के रूप में समझा जाना चाहिए जो भारत के राष्ट्रीय विकास एजेंडे की आधारशिला है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष मिरोसलाव लाजाक ने अपने बयान में कहा कि जलवायु परिवर्तन बड़ी वैश्विक चुनौतियों में से एक है.
उन्होंने कहा कि पेरिस समझौते का समर्थन किया जाना चाहिए और इसे मजबूत बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के लिए वित्त पोषण भी बहुत महत्वपूर्ण है जो लोगों के जीवन में सुधार लाना सुनिश्चित करता है. भारत सतत विकास पर जलवायु परिवर्तन के महत्व को रेखांकित करने के लिए कई अन्य देशों के साथ शामिल हुआ है.