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नई दिल्ली: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को नौसेना से कहा कि वह भारत के पास के समुद्री क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए किसी भी चुनौती से निपटने के लिए ‘‘हमेशा तैयार’’ रहे. इसे महत्वपूर्ण समुद्री गलियारों में चीन की बढ़ी मौजूदगी की तरफ साफ संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
उन्होंने यहां जारी नौसेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए पोतों पर ले जाए जाने वाले बहुपयोगी हेलीकॉप्टरों, पारंपरिक पनडुब्बियों एवं सुरंगभेदी पोतों की क्षमता संबंधी महत्वपूर्ण खामियों का भी संज्ञान किया. नौसेना की मारक क्षमता को बनाए रखने के लिहाज से इन खामियों को तत्काल दूर करने की जरूरत है.
रक्षा प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने कहा कि रक्षा मंत्री ने कमांडरों को आश्वस्त किया कि इन मुद्दों पर उचित ध्यान दिया जा रहा है और इन खामियों को जल्द से जल्द कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कमांडरों ने समुद्री क्षेत्र में नौसेना के पूरे मिशन की तैनाती को लेकर उसकी तैयारी का भी जायजा लिया.
निर्मला ने अपने संबोधन में समुद्री क्षेत्र में भारत के सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में बात की और अभियान संबंधी तैयारी के लिए उसकी सराहना की. कैप्टन शर्मा ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारे समुद्री क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों का संज्ञान करते हुए भारतीय नौसेना के समुद्र में मजबूत होने, समुद्री क्षेत्र में किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए हमेशा तैयार एवं चौकस रहने की जरूरत पर जोर दिया.’’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को शुरू हुए चार दिन के सम्मेलन में हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीन की बढ़ती मौजूदगी, भू-राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील दक्षिण चीन सागर में उसकी ताजा सैन्य तैनातियों तथा सर्वांगीण प्रभुत्व बढ़ाने के इसके प्रयासों को लेकर चर्चा की गई.