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नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) महामारी से होने वाली मौतों के मामले में भारत (India) तीसरा ऐसा देश बन गया है, जहां अब तक चार लाख से ज्यादा लोग वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. लिस्ट में अमेरिका (America) छह लाख मौतों के साथ टॉप पर है. जबकि दूसरे नंबर पर ब्राजील (Brazil) है, यहां कुल 5.2 लाख लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हुई है. गुरुवार को रिकॉर्ड की गईं मौतों के साथ ही भारत में मरने वालों का आंकड़ा 4 लाख पहुंच गया है.
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति दस लाख की आबादी पर COVID से हुई मौतों को देखें तो भारत (India) की स्थिति बाकी देशों से बेहतर है. देश में यह आंकड़ा 287 है. जबकि रूस (Russia) में 916, फ्रांस, मैक्सिको, अमेरिका और यूके (UK) में 1,000 से 2,000 के बीच है. इस मामले में पेरू के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. यहां प्रति दस लाख की आबादी पर 5,765 मौतें रिकॉर्ड की गई हैं.
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वहीं, कोरोना से हुईं मौतों के आंकड़े छिपाने पर चल रही बहस के बीच एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत में मौतों की अंडर रिपोर्टिंग कोई नहीं बात नहीं है. उन्होंने कहा कि अंडर रिपोर्टिंग के कई कारण होते हैं, जिसमें से एक यह भी है कि कई मौतें बिना मेडिकल अटेंशन से होती हैं, इसलिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार करना बेहद जरूरी है.
एसबीआई की रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब गंगा नदी में तैरते शवों के बाद से केंद्र और राज्य सरकारों पर मौतों के आंकड़े छिपाने के आरोप लग रहे हैं. कुछ लोगों का यहां तक कहना है कि असल मौतें सरकारों द्वारा बताई गई संख्या से 10 गुना अधिक हो सकती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर मेडिकल अटेंशन से देश में रोगों की बेहतर प्रोफाइलिंग हो सकती है और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती है. सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और पब्लिक हेल्थ केयर प्रोफेशनल की संख्या में बढ़ोत्तरी ही ऐसी स्थिति से बचने का एकमात्र उपाय है.