Corona से मौतों के मामले में तीसरा देश बना India, जहां 4 Lakh से ज्यादा लोगों ने तोड़ा दम, List में US टॉप पर
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Corona से मौतों के मामले में तीसरा देश बना India, जहां 4 Lakh से ज्यादा लोगों ने तोड़ा दम, List में US टॉप पर

दुनियाभर में कोरोना से हुई मौतों के मामले में अमेरिका सबसे आगे है. इसके बाद ब्राजील का नंबर आता है और फिर भारत. वहीं, मौतों की अंडर रिपोर्टिंग को लेकर सामने आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना मेडिकल अटेंशन की वजह से होने वाली मौतें भी अंडर रिपोर्टिंग का एक कारण हो सकती हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) महामारी से होने वाली मौतों के मामले में भारत (India) तीसरा ऐसा देश बन गया है, जहां अब तक चार लाख से ज्यादा लोग वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. लिस्ट में अमेरिका (America) छह लाख मौतों के साथ टॉप पर है. जबकि दूसरे नंबर पर ब्राजील (Brazil) है, यहां कुल 5.2 लाख लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हुई है. गुरुवार को रिकॉर्ड की गईं मौतों के साथ ही भारत में मरने वालों का आंकड़ा 4 लाख पहुंच गया है. 

  1. अमेरिका में छह लाख से ज्यादा मौतें रिकॉर्ड
  2. ब्राजील में मरने वालों का आंकड़ा 5 लाख के पार
  3. भारत में मौतों के आंकड़ों को छिपाने का लगा है आरोप

इस मामले में बेहतर है India की स्थिति

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति दस लाख की आबादी पर COVID से हुई मौतों को देखें तो भारत (India) की स्थिति बाकी देशों से बेहतर है. देश में यह आंकड़ा 287 है. जबकि रूस (Russia) में 916, फ्रांस, मैक्सिको, अमेरिका और यूके (UK) में 1,000 से 2,000 के बीच है. इस मामले में पेरू के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. यहां प्रति दस लाख की आबादी पर 5,765 मौतें रिकॉर्ड की गई हैं.

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Experts ने Underreporting पर कही ये बात

वहीं, कोरोना से हुईं मौतों के आंकड़े छिपाने पर चल रही बहस के बीच एसबीआई के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत में मौतों की अंडर रिपोर्टिंग कोई नहीं बात नहीं है. उन्होंने कहा कि अंडर रिपोर्टिंग के कई कारण होते हैं, जिसमें से एक यह भी है कि कई मौतें बिना मेडिकल अटेंशन से होती हैं, इसलिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार करना बेहद जरूरी है.

Public Health Infrastructure पर देना होगा ध्यान

एसबीआई की रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब गंगा नदी में तैरते शवों के बाद से केंद्र और राज्य सरकारों पर मौतों के आंकड़े छिपाने के आरोप लग रहे हैं. कुछ लोगों का यहां तक कहना है कि असल मौतें सरकारों द्वारा बताई गई संख्या से 10 गुना अधिक हो सकती हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर मेडिकल अटेंशन से देश में रोगों की बेहतर प्रोफाइलिंग हो सकती है और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती है. सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और पब्लिक हेल्थ केयर प्रोफेशनल की संख्या में बढ़ोत्तरी ही ऐसी स्थिति से बचने का एकमात्र उपाय है. 

 

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