पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जन समर्थन अपने पक्ष में करने के उद्देश्य से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शनिवार को राज्य में पार्टी की 'रथयात्रा' की शुरुआत करेंगे लेकिन प्रशासन से इसकी अनुमति को लेकर असंमजस की स्थिति बनी हुई है.
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जन समर्थन अपने पक्ष में करने के उद्देश्य से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शनिवार को राज्य में पार्टी की 'रथयात्रा' की शुरुआत करेंगे लेकिन प्रशासन से इसकी अनुमति को लेकर असंमजस की स्थिति बनी हुई है. बीजेपी के नेता राज्य के विभिन्न इलाकों में इस रथयात्रा को ले जाना चाहते हैं. नड्डा की नदिया जिले में 15वीं सदी के संत चैतन्य महाप्रभु के जन्मस्थान नवद्वीप से 'परिवर्तन यात्रा' शुरू करने की योजना है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भी इस महीने शुरू होने वाली पांच प्रस्तावित यात्राओं में से दो के उद्घाटन करने की संभावना है. हालांकि, शुक्रवार शाम तक भ्रम की स्थिति बनी रही क्योंकि नदिया के जिला प्रशासन से अब भी रथ यात्रा की अनुमति मिलनी बाकी है.
बीजेपी का दावा है कि उसे अनुमति मिल चुकी है जबकि जिला पुलिस ने कहा है कि केवल जनसभा की अनुमति दी गई है न कि रथयात्रा की. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'हमने जेपी नड्डा की जनसभा के लिए अनापत्ति दी है लेकिन कथित रथयात्रा की अनुमति नहीं दी गई है क्योंकि वह मामला अदालत में विचाराधीन है.' इससे पहले पश्चिम बंगाल बीजेपी ने राज्य सरकार से एक महीने के कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी.
प्रदेश बीजेपी उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को लिखी चिट्ठी में कहा कि पार्टी छह फरवरी से राज्य के अलग-अलग स्थानों पर पांच रैली करना चाहती है. पत्र में कहा गया कि बीजेपी के कई नेता छह फरवरी को नवद्वीप से शुरू हो रहे महीने भर के अभियान में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल आने वाले हैं. पार्टी ने इसी तरह की यात्रा छह फरवरी से 11 फरवरी के बीच कूचबिहार, दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप, बीरभूम के झारग्राम एवं तारापीठ में करने का प्रस्ताव किया है. राज्य सरकार ने बीजेपी से कहा है कि वह स्थानीय जिला प्रशासन से अनुमति मांगे. बनर्जी ने दावा किया, 'हमें नदिया जिले में अनुमति मिल गई है. प्रशासन ने पुलिस थाने के क्षेत्राधिकार के तहत अनुमति दी है. पुलिस ने रैली और रास्ते की विस्तृत जानकारी ली है.'
बीजेपी (BJP) प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि राज्य प्रशासन एवं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस मामले में टाल-मटोल का रवैया अपना रहा है. घोष ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की राजनीति में रथयात्रा दिशा बदलने वाली है. इससे बीजेपी के समर्थन में लहर उठेगी जो तृणमूल कांग्रेस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी. तृणमूल कांग्रेस अनुमति देने में देरी करने की कोशिश कर रही है जैसा पहले करती रही है.' इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी अभियान की अनुमति नहीं मिलने का आरोप लगा 'द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार' में शामिल है.
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तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'पश्चिम बंगाल सरकार ने यात्रा को अनुमति देने से इनकार नहीं किया है जैसा कि पश्चिम बंगाल बीजेपी ने दावा किया है. वे द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार में शामिल हैं जिसका सच से वास्ता नहीं है.' पार्टी ने कहा, 'बीजेपी को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा यात्रा की अनुमति नहीं देने संबंधी तथ्य पेश करने चाहिए. बीजेपी खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश कर रही है.' राज्य सरकार में मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि यह उचित नहीं है कि राज्य सरकार एक ही जगह पर कार्यक्रम को अनुमति दे, इसलिए बीजेपी से कहा गया कि संबंधित जिला प्रशासन से अनुमति ले. तृणमूल ने कहा, 'इसी मामले में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई और अब मामला न्यायालय में विचाराधीन है. इसलिए हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि तृणमूल कांग्रेस का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.'
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