राज्यसभा में आज विभिन्न दल की महिला सदस्यों ने राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया के एक कथित बयान पर आपत्ति जतायी और उन्हें पद से हटाए जाने की मांग की. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण शून्यकाल में सदन की कार्यवाही एक बार 10 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी.
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नई दिल्ली: राज्यसभा में आज विभिन्न दल की महिला सदस्यों ने राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया के एक कथित बयान पर आपत्ति जतायी और उन्हें पद से हटाए जाने की मांग की. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण शून्यकाल में सदन की कार्यवाही एक बार 10 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी.
कटारिया के बयान पर राज्यसभा में हंगामा
शून्यकाल में जदयू सदस्य कहकशां परवीन ने राजस्थान के गृह मंत्री के कथित बयान का मुद्दा उठाने का प्रयास किया लेकिन उपसभापति पी जे कुरियन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और कहा कि इसके लिए उन्हें पहले नोटिस देना चाहिए. अनुमति नहीं मिलने के बाद कहकशां परवीन और विपक्ष की कुछ अन्य महिला सदस्य आसन के समक्ष आ गयीं. इसके बाद कांग्रेस के भी कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ गए और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करने लगे.
सदन की कार्यवाही हुई कुछ देर से लिए स्थगित
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 11 बजकर करीब 25 मिनट पर 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी. बाद में आसन की अनुमति से कहकशां परवीन ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ पर जोर देते हैं वहीं राजस्थान में उनकी ही पार्टी के एक मंत्री महिलाओं और बच्चियों के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान देते हैं. उन्होंने एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में आपत्तिजनक बयान दिया है.
मंत्री को हटाए जाने की मांग
उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री भी महिला हैं और उन्हें इस बारे में गौर करना चाहिए. जदयू सदस्य ने मंत्री को पद से हटाए जाने की मांग की. सदन में कई सदस्यों ने इस मुद्दे से खुद को संबद्ध किया. संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगर अखबार में छपी बात सही है तो यह निंदनीय बयान है और ऐसे किसी बयान को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकार को सदन की भावना से अवगत करा देंगे.