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नई दिल्ली : परमाणु संयंत्रों की संख्या बढ़ाए जाने के राजग सरकार के फैसले का रूस ने आज स्वागत किया और कहा कि यह भारत के उर्जा संकट के समाधान का एकमात्र रास्ता है।
भारत में रूसी राजदूत एम कदाकिन ने यहां संवाददाताओं से कहा, भारत सरकार 22-24 परमाणु उर्जा इकाइयों की बात कर रही है, यह रोडमैप है, क्योंकि भारत के पास उर्जा संकट से निकलने का कोई रास्ता नहीं है। यह हिसाब लगाया गया है कि यदि 2030 तक भारत के पास विश्व में उत्पादित पूरा तेल हो तब भी यह सतत विकास के लिए पर्याप्त नहीं होगा। इसलिए, भारत की उर्जा समस्या के समाधान के लिए, परमाणु उर्जा एकमात्र विकल्प है, जैसा कि हमने किया। कदाकिन ने कहा कि दोनों देश पड़ोसी अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी के बाद वहां स्थिरता कायम रखने के मुद्दे पर एक ही नौका पर सवार हैं।
भारत-अमेरिका के बीच संबंधों की चर्चाओं पर हमला बोलते हुए रूसी राजदूत ने कहा, अमेरिका से भारत शून्य प्रौद्योगिकी आ रही है। भारत कुडननकुलम में रूस के साथ मिलकर विश्व की सर्वश्रेष्ठ परमाणु उर्जा परियोजना उत्पादित कर रहा है। अमेरिका ने इस परमाणु स्थल के लिए एक कील तक नहीं दी है। उन्होंने भारत और रूस के बीच रणनीतिक भागीदारी की सराहना की और इसे वास्तविक तथ्यों पर आधारित रणनीतिक विशेष विशेषाधिकार भागीदारी एवं मित्रता करार दिया।