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नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत पहुंच रहे हैं (Vladimir Putin India Visit). महज चंद घंटों की उनकी इस यात्रा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत होगी. साथ ही कुछ समझौतों पर भी हस्ताक्षर की उम्मीद है. भले ही पुतिन बेहद कम समय के लिए भारत आ रहे हैं, लेकिन मौजूदा हालातों में उनका ये दौरा काफी अहम समझा जा रहा है. रूसी राष्ट्रपति सोमवार को यानी आज दिल्ली पहुंचेंगे और फिर एक वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने बताया है कि पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वार्ता के बाद दोनों देश कुछ सेमी-कांफिडेंशियल सहित 10 द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. रूसी समाचार एजेंसी टास से बात करते हुए उशाकोव ने बताया कि करीब 10 द्विपक्षीय समझौतों पर सहमति बन सकती है, जो काफी महत्वपूर्ण हैं और इनमें कुछ सेमी-कांफिडेंशियल भी हैं. उन्होंने कहा, ‘इन समझौतों पर अभी भी काम चल रहा है. हमें यकीन है कि यात्रा के दौरान समझौतों पर हस्ताक्षर हो जाएंगे’.
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पुतिन सालाना भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए 6 दिसंबर को पुतिन नई दिल्ली पहुंच रहे हैं. करीब 2 साल के बाद दोनों नेता आमने-सामने बैठेंगे. नवंबर 2019 में ब्रासीलिया में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी की यह पहली इन-पर्सन बैठक होगी. पुतिन की यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों देशों के रक्षा और विदेश मामलों के मंत्रियों के बीच सोमवार को दिल्ली में कई बैठक होनी हैं. दिन की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु, सैन्य-तकनीकी सहयोग पर इंटरगवर्नमेंटल कमीशन के सह-अध्यक्षों की बैठक से होगी.
हिंद-प्रशांत क्षेत्र, क्वाड और अफगानिस्तान पर दोनों देशों के मतभेद और चीन-भारत तनाव के बीच पुतिन की इस यात्रा को खासा महत्व दिया जा रहा है.रूसी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच अगले दस साल तक रक्षा सहयोग जारी रखने और इसके लिए फ्रेमवर्क बनाने पर मुहर लग सकती है. रक्षा सहयोग के लिए रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक एग्रीमेंट पर भी सहमति बनेगी. इसके अलावा सतह से हवा में मार करने वाली आधुनिकतम मिसाइल प्रणाली इग्ला-एस शॉल्डर फायर्ड मिसाइल सौदे पर भी बातचीत होगी.
कुछ मुद्दों पर मतभेद के बावजूद दोनों देश अपने रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं. यही वजह है कि भारत ने पुतिन की इस यात्रा से पहले एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे पर आगे बढ़ते हुए परोक्ष रूप से अमेरिका को कड़ा संदेश दिया है. यूएस ने रूस के साथ इस सौदे पर आगे बढ़ने पर भारत के खिलाफ कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी थी लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि देश की रक्षा के मामले में वह किसी के दबाव में नहीं झुकने वाला. रूसी राष्ट्रपति पुतिन के दौरे में दोनों देश 5 हजार करोड़ से अधिक के एके-203 असॉल्ट राइफल सौदे पर मुहर लगा सकते हैं. पीएम मोदी और पुतिन के बीच होने वाली इस बैठक पर चीन पाकिस्तान सहित दुनियाभर की निगाहें हैं.
इनपुट: ANI