LAC पर चीन की हरकतों से गंभीर रूप से प्रभावित हुए संबंध, ICCS कांफ्रेंस में बोले S Jaishankar
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LAC पर चीन की हरकतों से गंभीर रूप से प्रभावित हुए संबंध, ICCS कांफ्रेंस में बोले S Jaishankar

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में पिछले साल जो घटनाएं घटी हैं, उनकी वजह से भारत-चीन (India-China) के संबंध गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. चीन के साथ सीमा गतिरोध पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बात कही. 

विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शुक्रवार को 13वीं इंडिया कान्फ्रेंस ऑफ चाइना स्टडीज के आयोजन में शिककत की. वर्चुअल आयोजन में केंद्रीय मंत्री ने चीन (China) की नीयत पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं. LAC पर चीन के साथ जारी गतिरोध पर जयशंकर ने कहा कि बीते साल पूर्वी लद्दाख (East Ladhak) में सामने आई घटनाओं ने भारत-चीन संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. बीजिंग पर लगाए अपने अगले आरोप में उन्होंने कहा कि चीन ने लद्दाख में न सिर्फ सैनिकों की संख्या को कम करने की प्रतिबद्धता का अनादर किया, बल्कि शांति भंग करने की इच्छा भी दिखाई थी.

  1. LAC पर चीन के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ
  2. '2020 की घटनाओं से रिश्ते बुरी तरह प्रभावित'
  3. सभी समझौतों का पालन होना चाहिए: एस जयशंकर 

भारत-चीन संबंधों पर अप्रत्याशित दबाव

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पिछले साल जो घटनाएं घटी हैं, उससे भारत-चीन (India-China) के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. चीन के साथ सीमा गतिरोध पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बात कही. विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में ये भी कहा, 'चीन (China) की विस्तारवादी नीति से हमारे संबंधों पर वास्तव में अप्रत्याशित दबाव बढ़ा है. सीमा पर हालात की अनदेखी कर रिश्तों को सामान्य रूप से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता.' 

चीन ने नहीं दिया विश्वसनीय स्पष्टीकरण 

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'हमें चीन के रुख में बदलाव और सीमाई इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती पर अब भी कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं मिला है. हमारे सामने मुद्दा यह है कि चीन का रुख क्या संकेत देना चाहता है, ये कैसे आगे बढ़ता है और भविष्य के संबंधों के लिए इसके क्या निहितार्थ हैं. 

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द्विपक्षीय संबंधों पर सतर्क रहने की जरूरत

जयशंकर ने कहा कि संबंधों को आगे तभी बढ़ाया जा सकता है जब वो आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता, आपसी हित जैसी परिपक्वता पर आधारित हों. अगर संबंधों को स्थिर और प्रगति की दिशा में लेकर जाना है तो नीतियों में पिछले तीन दशकों के दौरान मिली सीख और सबक पर ध्यान देना होगा. 

गौरतलब है कि नियंत्रण रेखा पर बेहद चुनौतीपूर्ण हालातों के बीच भारतीय सेना और अन्य जिम्मेदार अधिकारी चीन (China) की हरकतों पर कड़ी नजर रखे हैं. वहीं विदेश मंत्री ने कहा कि जो समझौते हुए हैं, उनका पूर्णतया पालन किया जाना चाहिए. सीमाई इलाकों में शांति चीन के साथ संबंधों के संपूर्ण विकास का आधार है, अगर इसमें कोई व्यवधान आएगा तो निसंदेह बाकी संबंधों पर भी इसका असर पड़ेगा. 

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