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जोधपुर: काला हिरण शिकार मामले (Black Buck Poaching Case) में सलमान खान (Salman Khan) को राजस्थान हाई कोर्ट ने राहत प्रदान की है. सलमान को अब जोधपुर सत्र न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होना होगा. आज होने वाली सुनवाई में वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हो सकते हैं. सलमान ने याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने संबंधी निर्देश से छूट दी जाए, जिसे हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने स्वीकार कर लिया है.
सलमान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत के मुताबिक, जोधपुर जिला अदालत ने सलमान खान (Salman Khan) को सीआरपीसी की धारा 437 ए के तहत बेल बॉन्ड भरने का आदेश पिछले साल 14 सितंबर को दिया था और 28 सितंबर को सलमान को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे. जिसके बाद कोरोना की वजह से कई बार सुनवाई स्थगित होने के चलते सलमान को हाजिर होने से छूट मिल गई.
16 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई पर अदालत ने फिर सलमान खान को 6 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था, जिसके खिलाफ उनके वकील ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. इस अपील में कोविड-19 महामारी के दौरान मुंबई से जोधपुर की यात्रा करने से खान के स्वास्थ्य को खतरा होने का हवाला दिया गया था. जिस पर अदालत ने उन्हें वर्चुअल रूप से सुनवाई में शामिल होने की छूट दे दी.
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति दिनेश मेहता की पीठ ने सलमान के वकील इस दलील को भी स्वीकार किया कि उनके मुवक्किल की पेशी से अदालत परिसर में भारी भीड़ एकत्र होने पर कानून-व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो सकती है. सारस्वत ने बताया कि अदालत ने सलमान को जिला और सत्र न्यायालय में छह फरवरी को मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होने की अनुमति दे दी है.
सितंबर 1998 में सलमान खान जोधपुर में फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग कर रहे थे. इस दौरान संरक्षित काले हिरण का शिकार किया गया था. साथी कलाकार सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम पर सलमान को शिकार के लिए उकसाने का आरोप लगा. सीजेएम ग्रामीण कोर्ट जोधपुर ने कांकणी हिरण शिकार में सलमान खान को दोषी करार दिया. जबकि अन्य सितारों को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया. शिकार मामले में सलमान पर चार केस दर्ज हुए थे.
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