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नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर (Coronavirus 2nd Wave) के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन की मांग को लेकर बीजेपी नेता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने एक जघन्य अपराध किया है. इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. इसके तुरंत बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं.
बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके झूठ के कारण 12 राज्यों में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित हुई. अगर इन राज्यों को ऑक्सीजन मिल जाती तो कितने लोगों की जान बच सकती थी.
संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा, 'केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा कि उन्होंने आईसीएमआर की गाइडलाइंस के मुताबिक ऑक्सीजन की कैल्कुलेशन की. लेकिन जब कमेटी ने अरविंद केजरीवाल से आईसीएमआर की गाइडलाइन की कॉपी मांगी तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए. इसका मतलब अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला.'
संबित पात्रा ने आगे कहा, '6 मई को केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग करते हैं. उसके कुछ घंटे बाद राघव चड्डा कहते हैं कि उन्हें 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चाहिए. एक ही दिन में दो-दो अलग आंकड़ा बताया गया. ये कहीं न कहीं एक साजिश के तहत किया गया है, दिल्ली सरकार ने अपनी गलती छिपाने के लिए केंद्र पर ठीकरा फोड़ दिया.'
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा गठित ऑक्सीजन ऑडिट टीम ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान 25 अप्रैल से 10 मई के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन की आवश्यकता को चार गुना से अधिक बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि दिल्ली को ऑक्सीजन की अतिरिक्त आपूर्ति 12 राज्यों में आपूर्ति प्रभावित हुई. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली में बिस्तर क्षमता के हिसाब से 289 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, जबकि दिल्ली सरकार द्वारा दावा किया गया कि उन्हें ऑक्सीजन 1140 एमटी चाहिए, जो क्षमता से चार गुना ज्यादा थी.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'सुबह से ऑक्सीजन की कमी को लेकर बीजेपी के नेता एक तथाकथित रिपोर्ट के हवाले से अरविंद केजरीवाल को गाली दे रहे हैं. केंद्रीय मंत्री, देश के बड़े नेता, प्रवक्ता आकर मीडिया, ट्विटर और सोशल मीडिया पर गाली दे रहे हैं. तथाकथित रिपोर्ट का सच यह है कि ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं.'
ऑडिट कमेटी के सदस्यों से बात की, उन्होंने कोई रिपोर्ट साइन नहीं की. जब कमिटी के सदस्यों ने अप्रूव ही नहीं की, तो फिर ये रिपोर्ट है कहां. ये कौन सी रिपोर्ट है. कहां से आई. बीजेपी के नेता जो सुबह से चैनल्स पर बैठकर चिल्ला रहे हैं, वो ठंडा पानी पीएं. वो रिपोर्ट कहां हैं, क्या ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट है, जिस पर साइन हो. वो रिपोर्ट लाइए. मैं चुनौती देता हूं कि वो रिपोर्ट लेकर आएं.
मनीष सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली में अप्रैल के महीने में जब कोविड पीक पर था, तब ऑक्सीजन का संकट था और दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी थी. दिल्ली के लोग जानते हैं. ऑक्सीजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की थी. डॉक्टर और हॉस्पिटल ने चिल्ला रहे थे. उसकी जिम्मेदारी लेने के बजाए, अपने मन से रिपोर्ट बीजेपी हेडक्वार्टर में बनाई गई.' उन्होंने आगे कहा, 'ये अरविंद केजरीवाल जी को गाली नहीं दे रहे, उन्हें दे रहे हैं, जिन्होंने ऑक्सीजन की कमी की वजह से अपने लोग खोए. क्या मरीज और डॉक्टर झूठ बोल रहे हैं, जिन्होंने ऑक्सीजन की कमी झेली. मरीज और अस्पताल कोर्ट में गए. बीजेपी के बड़े नेता झूठ बोल रहे हैं.'
(इनपुट-रुफी जैदी)
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