School Children Cleaned Toilets: स्कूल में पढ़ने गए बच्चों से टॉयलेट की सफाई का मामला सामने आया है. इस घटना से नाराज पैरंट्स ने प्रदर्शन करते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है.
Trending Photos
School Children Cleaned Toilets in Karnataka: कर्नाटक के शिवमोग्गा में बच्चों से स्कूल के शौचालय साफ करवाने की घटना सामने आई है. खबर है कि उन्हें शौचालय में लगे जाले साफ करने को भी मजबूर किया गया. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद पैरंट्स का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. जिले के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने इस मुद्दे पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. शिवमोगा राज्य के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा का गृह जिला है.
टॉयलेट साफ करते दिखे छात्र
वायरल हुए वीडियो में स्कूल के बच्चे अपने विद्यालय के शौचालय की सफाई करते और उसके जाले हटाते दिख रहे हैं. यह वीडियो वायरल होने के बाद स्कूल की हेडमिस्ट्रेस ने अपनी सफाई दी है. उनका कहना है कि बच्चों को शौचालय में केवल पानी डालने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने टॉयलेट की सफाई शुरू कर दी.
पिछले हफ्ते भी हुई थी ऐसी घटना
इससे पहले बेंगलुरु में भी पिछले हफ्ते ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहां पर पिछले हफ्ते आंद्रहल्ली इलाके के एक सरकारी स्कूल के छात्रों को भी शौचालय साफ करते हुए पाया गया था. इससे गुस्साए पैरंट्स ने स्कूल के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. जिसके बाद प्रशासन ने स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया था. घटना पर नाराजगी जताते हुए ऐसे काम करने वालों को चेतावनी दी थी.
गृह जिले की घटना पर मंत्री की चुप्पी
वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने भी आंद्रहल्ली की घटना पर नाराजगी व्यक्त की थी. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए घटना की निंदा की और कहा कि इस मामले में कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने वादा किया कि वे सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और इस संबंध में विभाग की ओर से सभी आवश्यक कार्रवाई की जाए. हालांकि अब अपने गृह जिले शिवमोगा में हुई ऐसी ही एक घटना पर वे चुप्पी साधे हुए हैं.
इस महीने की तीसरी घटना
कर्नाटक में स्कूली बच्चों के हाथों टॉयलेट्स साफ करवाने की इस महीने यह तीसरी घटना है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के कोलार जिले के एक रेजिडेंशियल स्कूल में बच्चे सेप्टिक टैंक की सफाई कर रहे थे. मामला सामने आने के बाद स्कूल के 4 संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया था. जबकि स्कूल के प्रिंसिपल और एक टीचर को अरेस्ट कर लिया गया था.
पैरंट्स में फैल गया था आक्रोश
यह घटना कोलार के मोरारजी देसाई रेजिडेंशियल स्कूल में हुई थी, जिसमें करीब ढाई सौ छात्र पढ़ते हैं. पढ़ाई न करने पर कथित रूप से 4 स्टूडेंट्स को सजा के तौर पर सेप्टिक टैंक में चढ़ने और अपने हाथों से उसे साफ करने का निर्देश दिया गया था. इस घटना से स्टूडेंट्स और उनके पैरंट्स में आक्रोश फैल गया था. बाद में सीएम सिद्धारमैया को मामले में हस्तक्षेप कर माहौल शांत करवाना पड़ा था.