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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दल्ली में Covid-19 के कारण लंबे वक्त से बंद रहने के बाद कई स्कूल बुधवार से खुल रहे हैं. हालांकि अभी भी कुछ स्कूलों ने ‘इंतजार करो और देखो’ की नीति अपनाते हुए कुछ हफ्तों बाद स्कूल खोलने का फैसला किया है. दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) की स्थिति में सुधार को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि क्लास 9th से 12th तक के स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 1 सितंबर से खुलेंगे.
दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने स्पष्ट किया है कि किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर लिखा, 'टीम एजुकेशन स्कूलों को सुरक्षित रूप से फिर से खोलने के लिए तैयार है.' दिल्ली के एक नामचीन स्कूल के प्रिंसिपल ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, 'केवल 20 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने अब तक अपने पेरेंट्स का सहमति फॉर्म भेजे हैं. हम तब तक इंतजार करेंगे, जब तक कि हमारे पास कम से कम 50 प्रतिशत छात्र न हो जाएं. स्कूलों को खोलने की योजना कुछ हफ्तों के लिए टाल दी गई है.'
द्वारका में माउंट कार्मेल स्कूल की योजना है कि कम से कम एक महीने तक स्कूल न खोला जाए क्योंकि उसके सारे कर्मचारियों का अबतक पूर्ण टीकाकरण नहीं हुआ है और ऑनलाइन क्लासेज जारी रहेंगी. स्कूल के डीन माइकल विलियम्स ने कहा, 'मेरा मानना है कि दो और महीने रुकना बेहतर होगा. हमने काफी इंतजार किया है और हम कुछ समय इंतजार कर सकते हैं.' डीडीएमए ने सोमवार को स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे.
1.क्लास में छात्रों की सीमित मौजूदगी सुनिश्चित करते हुए स्कूलों को टाइम टेबल तैयार करना चाहिए.
2. क्षमता के आधार पर क्लास में अधिकतम 50 प्रतिशत स्टूडेंट बुलाए जा सकते हैं.
3. प्रत्येक एक सीट के बाद दूसरी सीट खाली हो.
4. लंच के समय पर अधिक भीड़ नहीं लगे. लंच के लिए छात्रों को खुली जगह में भेजा जाए.
5. सभी की ‘थर्मल स्क्रीनिंग’, बिल्डिंग का सैनिटाइजेशन करना और हाथ धोने की उचित व्यवस्था होनी जरूरी है.
6. आउटसाइडर्स की स्कूल में NO Entry
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