छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) ने अपने एक कर्मचारी को 16 करोड़ रुपये का चेक सौंपा है. उसे यह चेक 'जोलजेंस्मा' इंजेक्शन (Zoljensma Injection) खरीदने के लिए दिया गया है.
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कोरबा: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) ने अपने एक कर्मचारी को 16 करोड़ रुपये का चेक सौंपा है. चेक मिलने के बाद परिवार हैरान है और कंपनी मैनेजमेंट का बार-बार आभार जता रहा है.
दरअसल कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी सतीश कुमार रवि की 2 साल की बेटी सृष्टि रानी ‘स्पाइनल मस्क्यूलर एट्रॉफी’ (Spinal Muscular Atrophy) नामक बेहद दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है. अमूमन छोटे बच्चों में होने वाली इस बीमारी में रीढ़ की हड्डी और ब्रेन स्टेम में तंत्रिका कोशिकाओं की कमी से मांसपेशियां सही तरीके से काम नहीं कर पातीं और धीरे-धीरे यह बीमारी जानलेवा होती चली जाती है. इसका इलाज बहुत ही महंगा है.
सतीश कुमार को पिछले साल दिसंबर में सृष्टि की इस बीमारी का पता चला था. उसके बाद से उनकी बेटी सृष्टि रानी का दिल्ली एम्स और SECL के पैनल से जुड़े बिलासपुर अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है. इन दिनों वह वह अपने घर पर एक पोर्टेबल वेंटिलेटर सपोर्ट पर है. इस बीमारी को ठीक करने के लिए सतीश कुमार को 'जोलजेंस्मा' इंजेक्शन (Zoljensma Injection) की जरूरत थी, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है.
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इतने महंगे इंजेक्शन (Zoljensma Injection) को खरीदना उनके बूते की बात नहीं थी और वे धीरे-धीरे अपने बेटी को जिंदगी से दूर जाते हुए देखने को मजबूर थे. इस मुश्किल वक्त में SECL कंपनी उनकी मदद को आगे आई और खनन महाप्रबंधक शशांक शेखर देवांगन ने शुक्रवार को सतीश कुमार रवि को 16 करोड़ रुपए का चैक सौंपा. कंपनी से अचानक मिली इस बड़ी मदद से पूरा परिवार बेहद खुश है. परिवार का कहना है कि अब उनकी बच्ची भी बाकी लोगों की तरह नॉर्मल जिंदगी जी पाएगी.
बताते चलें कि SECL कंपनी कोल इंडिया का ही हिस्सा है. कंपनी की ओर से बच्ची के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये का चेक सौंपे जाने के बाद कोरबा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर आभार जताया है.
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