Dr. Al Issa Visits India: डॉ. अल-इस्सा धर्मों के बीच सामंजस्य बनाने पर अपने विचारों के लिए जाने जाते हैं. अपनी भारत यात्रा के दौरान डॉ. अल-इस्सा नई दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर भी जाएंगे जहां वो हिन्दू धर्म गुरुओं से भी मुलाकात करेगें.
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Dr. Al Issa News: दुनिया भर में कट्टरता के खिलाफ बोलने के लिए मशहूर मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा इस महीने 10 जुलाई से पांच दिन की यात्रा पर पहली बार भारत आ रहे हैं. डॉ. अल-इस्सा इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करेगें. 11 जुलाई को दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर ( India Islamic Cultural Centre) और खुसरो फाउंडेशन (Khusro Foundation की तरह से आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. अल-इस्सा और अजीत डोभाल शामिल होंगे जहां वो देश भर से आए इस्लाम के जानकारों की एक सभा को भी संबोधित करेगें.
उदारवादी इस्लाम के एक प्रमुख समर्थक
डॉ. अल-इस्सा धर्मों के बीच सामंजस्य बनाने पर अपने विचारों के लिए जाने जाते हैं. इस्लामी विद्वान और वैश्विक मामलों में प्रसिद्ध व्यक्ति डॉ. अल-इस्सा उदारवादी इस्लाम के एक प्रमुख समर्थक रहे हैं. उनका कार्य विविध पृष्ठभूमि के लोगों के बीच सहानुभूति, समझ और सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. दुनिया भर में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वैश्विक गैर-सरकारी संगठन, मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव के रूप में, उन्होंने विभिन्न समुदायों, धर्मों और राष्ट्रों के बीच साझेदारी बनाने और संबंधों को मजबूत करने की पहल की है.
सऊदी सरकार में पूर्व जस्टिस मंत्री रहे डॉ. अल-इस्सा ने अपने कार्यकाल के दौरान मुस्लिम महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार दिलाने के साथ-साथ सामाजिक प्रगति और मानव अधिकार के लिए कई कानूनी सुधार कराए.
अक्षरधाम मंदिर भी जाएंगे डॉ अल-इस्सा
अपनी भारत यात्रा के दौरान डॉ. अल-इस्सा नई दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर भी जाएंगे जहां वो हिन्दू धर्म गुरुओं से भी मुलाकात करेगें. भारत और सऊदी अरब के बीच लगातार मजबूत होते संबंधों के बीच डॉ. अल-इस्सा की भारत यात्रा से मुस्लिम वर्ल्ड में भी एक बहुत ही पॉजिटिव संदेश जायेगा. देखा जाये तो मोदी सरकार सऊदी अरब से लेकर यूएई और गल्फ के दूसरे देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रही है. गल्फ देशों से भारत के व्यापारिक रिश्ते भी मजबूत हुए हैं और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता भी इन देशों में बढ़ी है.
जानकारों का मानना है कि जिस तरह से दुनिया के कई देशों में कट्टरता बढ़ी है और कई जगहों पर इसकी वजह से हिंसा भी हो रही है ऐसे में डॉ. अल-इस्सा विविध समुदायों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. सभी धर्मों के प्रति उनकी समझ और नज़रिया विश्व शांति और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकता है.
इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के प्रेसिडेंट और खुसरो फाउंडेशन के अध्यक्ष सिराज कुरेशी के मुताबिक डॉ. अल-इस्सा का भारत आना ये दिखाता है कि भारत और सऊदी अरब के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. उन्होंने कहा. ‘डॉ. अल-इस्सा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में 11 जुलाई को सभा को संबोधित करेगें. इस कार्यक्रम में डॉ. अल-इस्सा अपने विचारों को रखेगें जिन्हें सुनने के लिए पूरे देश भर से इस्लाम के जानकार शामिल होंगे.’
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के कार्यक्रम में भी होंगे शामिल
12 जुलाई को डॉ. अल-इस्सा विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में भी अजीत डोभाल के साथ एक कार्यक्रम में शामिल होंगे जहां वो ‘Dialogue for Harmony among Religions’ विषय पर सभा को संबोधित करेगें. अपनी भारत यात्रा के दौरान डॉ. अल-इस्सा भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी के साथ-साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात कर सकते हैं.
राष्ट्रीय पुलिस के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए डॉ. अल-इस्सा दिल्ली में स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक जायेगें साथ ही शुक्रवार को जामा मस्जिद में होने वाली नमाज़ के साथ-साथ आगरा में स्थित ताजमहल देखने का भी उनका कार्यक्रम है.