पिछले 6 माह से थी सुरक्षाबलों की रियाज नायकू पर नजर, केवल 3 घंटे सोती थी खुफिया टीम
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पिछले 6 माह से थी सुरक्षाबलों की रियाज नायकू पर नजर, केवल 3 घंटे सोती थी खुफिया टीम

नायकू हिज्ब का इकलौता कमांडर था जो पाकिस्तान में हिज़्ब चीफ सलाहुदीन के संपर्क में रहता था. 

पुलिस का कहना है कि कोई सुरंग नहीं थी बल्कि केवल ठिकाने थे.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अवंतुपुरा में सुरक्षाबलों ने बीते बुधवार हिज्बुल कमांडर रियाज नायकू को मार गिराया था. नायकू पर सुरक्षाबलों की पिछले छह माह से नजर थी. दर्जनों हाइडआउट किए गए और आखिर में सुरक्षाबलों के हाथ सफलता हाथ लगी. नायकू पर 12 लाख का इनाम था और 8 वर्षों से उसकी तलाश दी. नायकू हिज्ब का इकलौता कमांडर था जो पाकिस्तान में हिज़्ब चीफ सलाहुदीन के संपर्क में रहता था. 

कश्मीर के सबसे टॉप आतंकवादी रियाज नायकू की मौत हिज्ब के लिए बड़ा झटका है तो सुरक्षाबलों द्वारा जम्मू और कश्मीर में एक बड़ी सफलता. पुलिस के अनुसार, कई आतंकवादी अपराधों में शामिल होने के साथ-साथ नायकू पुलिसकर्मियों के अपहरण और हत्या में शामिल था. प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन का 'ऑपरेशनल कमांडर' था. 

जिस ऑपरेशन ​में​ नायकू की मौत हुई, वह ​ऑपरेशन ​सुरक्षाबलों के लिए आसान नहीं था. मानव और तकनीकी इंटेलीजेंस दोनों को इकट्ठा किया गया और फिर महीनों तक इसका पीछा किया गया. जम्मू और कश्मीर पुलिस की एक विशेष टीम का गठन किया गया. इसका नेतृत्व डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल साउथ कश्मीर रेंज अतुल गोयल कर रहे थे. गोयल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस कैडर में वापस लौटने से पहले NIA में सालों बिताए थे और चुपचाप पुलिस  इस ऑपरेशन पर काम करती रही तब जाकर नायकू को मारने के लिए ऑपरेशन ​शुरू​ हुआ. 

आईजी विजय कुमार ने बताया, "हम छह महीने से नायकू पर खुफिया जानकारी इकठा कर रहे थे. इसके दर्जनों ठिकानों का पता चला. हमारे पास दिन-रात काम करने वाली टीमें थीं, यहां तक कि टीम केवल 2 से 3 घंटे सोती थी." 

पुलिस का कहना है कि सुरक्षाबलों की एक छोटी सी टीम को शुरू में अवंतीपुरा के बेगपोरा गांव भेजा गया था और जल्द ही सीआरपीएफ के जवान भी पहुंचे. ​विजय ने कहा, "पहले दिन, हमें उसी क्षेत्र में कुछ नहीं मिला लेकिन घेराबंदी जारी रहा और खोज भी जारी रही. अगले दिन आतंकवादियों ने आखिरकार गोलाबारी की और हमने जवाबी कार्रवाई की." 

सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन के दौरान क्षेत्र में ​नायकू के ​ठिकानों का भंडाफोड़ करने में कामयाबी हासिल की. छह ठिकानों का भंडाफोड़ किया गया और सातवें में नायकू को पाया गया. पुलिस का कहना है कि कोई सुरंग नहीं थी बल्कि केवल ठिकाने थे. आईजी कश्मीर ने कहा कि "रियाज वीडियो जारी ​करता था और लोगों को उत्सुकता थी. उसके पास युवाओं को उग्रवाद में शामिल ​करने के लिए प्रभावित करने की शक्ति थी." 

पिछले चार महीनों में, सुरक्षाबलों ने 27 आतंकवाद-रोधी अभियान चलाए हैं, जिसमें इस वर्ष 64 आतंकवादी मारे गए हैं. इसमें जैश-ए-मुहम्मद के कारी यासिर, अंसार गज़वातुल के बुरहान कोका और हिज़्ब के रियाज नायकू शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि उन्होंने हाल ही में 25 सक्रिय आतंकवादियों और आतंकवादियों के 125 ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.  हंदवाड़ा में मारे गए लश्कर कमांडर हैदर की​ मौत बड़ी कामयाबी बताया जा रहा है.​ ​सुरक्षा​बलों का कहना है कि वह उत्तरी कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा का "रीढ़" था. ​पुलिस और सुरक्षाबल मानते हैं कि रियाज नायकू की मौत कश्मीर में आतंकवादियों के मनोबल को बहुत गिरा देगा. 

DNA वीडियो:

 

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