Sharad Pawar: भगवान राम को मांसाहारी बताने वाले अपने नेता का शरद ने किया बचाव, कहा- रामायण पढ़ेंगे तो समझ जाएंगे...
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Sharad Pawar: भगवान राम को मांसाहारी बताने वाले अपने नेता का शरद ने किया बचाव, कहा- रामायण पढ़ेंगे तो समझ जाएंगे...

Sharad Pawar on Ram Mandir Pran Pratistha: एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का कहना है कि राम मंदिर जाने के लिए किसी न्योते की जरूरत नहीं है. वे भी अगले 2-3 साल में वहां पर जा सकते हैं.

Sharad Pawar: भगवान राम को मांसाहारी बताने वाले अपने नेता का शरद ने किया बचाव, कहा- रामायण पढ़ेंगे तो समझ जाएंगे...

Sharad Pawar Statement on Indi Alliance: I.N.D.I. अलायंस में लोकसभा सीटों को लेकर झगड़ा सुलझ नहीं रहा है. सभी दल बातचीत में ज्यादा से ज्यादा सीटें पाने के लिए जोर लगा रहे हैं. ऐसे में क्या ये गठबंधन संगठित एनडीए के सामने टिक पाएगा या यूपीए की तरह असरहीन होकर खत्म हो जाएगा. इन सब मुद्दों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के अध्यक्ष शरद पवार सामने आए हैं. मुंबई में मीडिया से बातचीत करते हुए पवार ने कहा कि उनका गठबंधन न केवल चुनाव में टिकेगा बल्कि बीजेपी को सरकार से हटाने में भी कामयाब होगा. उन्होंने भगवान राम पर विवादित टिप्पणी करने वाले अपने विधायक जितेंद्र आह्वाड का बचाव भी किया. उन्होंने कहा कि जितेंद्र पर उंगली उठाने वालों को पहले रामायण पढ़ लेनी चाहिए.

सवाल: क्या नीतीश कुमार गठबंधन से नाराज चल रहे हैं?

सवाल: संयोजक के मुद्दे पर नीतीश कुमार की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, जहां तक मैं जानता हूं. नीतीश कुमार बिल्कुल नाराज नहीं है. नीतीश कुमार को जो लगता है वह बिल्कुल साफ-साफ कहते हैं. इसीलिए कई बार मीडिया में मिसअंडरस्टैंडिंग हो जाती है.गठबंधन में NCP की सीटों की दावेदारी पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा चल रही है और अभी इस पर कहना बिल्कुल सही नहीं होगा. 

शिवसेना अपात्रता मामले पर आने वाले स्पीकर के फैसले पर शरद पवार ने कहा, जो फैसला आने वाला है उस पर पर अभी बोलना बहुत ज्यादा सही नहीं होगा. केवल इतना कहेंगे कि विधानसभा अध्यक्ष अपने पद का मान रखते हुए सही फैसला लें. कल जो फैसला आएगा उसे एक डायरेक्शन भी तय होगी.

सवाल:  अजित पवार बार-बार निशाना क्यों साध रहे हैं?

सवाल: अजीत पवार के बार-बार निशाना साधने के सवाल पर शरद पवार ने संयत हुए कहा, कहने की क्या जरूरत है. हर बार बोलना जरूरी नहीं होता. कई बार नजरअंदाज भी किया जा सकता है.

शिवसेना ने महाराष्ट्र में लोकसभा की 23 सीटें मांगी हैं. इस सवाल पर शरद पवार ने कहा, दिल्ली में मंगलवार को हुई बैठक प्राथमिक थी, कोई आखिरी बैठक नहींय इसके बाद सभी सीनियर लीडर एक साथ बैठकर सीट शेयरिंग को लेकर बात करेंगे और आखिरी फैसला लेंगे. 

शरद पवार ने प्रकाश आंबेडकर को भी गठबंधन में शामिल की. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की भूमिका बिल्कुल साफ है कि प्रकाश आंबेडकर को हमारे साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए. इस भूमिका को हमारे साथी ने दिल्ली में होने वाली मीटिंग में अन्य सभी दलों के सामने रखा. अगली बैठक में मैं खुद इसकी गुजारिश करूंगा. 

सवाल: क्या लोकसभा चुनाव शुरू होने तक गठबंधन टिक पाएगा?

सवाल: इंडिया गठबंधन में अनबन के मुद्दे पर एनसीपी सुप्रीमो ने कहा, जब कई गठबंधन एक साथ आते हैं तो कई पार्टियां एक्सेसिव डिमांड रखती हैं लेकिन सभी को मिलकर रास्ता निकालना होगा. जिसका जिस राज्य में वर्चस्व नहीं है, उन्हें वहां काम करना चाहिए. मुझे नहीं लगता कांग्रेस इंडिया गठबंधन को ओवर रूल करने की कोशिश कर रही है. 

शिवसेना नेता रविंद्र वायकर के घर पर इनकम टैक्स की रेड के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार बोले, बिल्कुल सीधी बात है. जब तक दिल्ली में सरकार नहीं बदलती यह होता रहेगा. रोहित पवार के साथ भी ऐसा ही हुआ. सत्ता पक्ष जिसके पास ताकत है, वह अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहा है. 

सवाल: EVM को लेकर चल रहे बवाल पर क्या कहेंगे?

सवाल: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चुनाव आयोग के सामने यह प्रस्ताव रखा था कि हम सभी को समय दिया जाए और हमारी दुविधा को दूर किया जाए. चुनाव आयोग में अभी तक हमें समय नहीं दिया है और हमारी तरफ से की गई मांगों को स्वीकार नहीं किया है. 

छगन भुजबल आरोप लगा रहे हैं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने केवल ग्रामीण इलाकों में काम किया शहरी इलाकों पर ध्यान नहीं दिया?

देखिए ऐसा तो है नहीं कि हम आज से ये पार्टी चला रहे हैं. पिछले 23 साल से ये पार्टी चल रही है और कई महत्वपूर्ण काम और पोस्ट छगन भुजबल को दिया गया था. उनके पास जब जिम्मेदारी थी तब उन्होंने ध्यान क्यों नहीं दिया.

सवाल: चुनाव आयोग में आप लोगों के चुनाव चिन्ह पर अभी तक फैसला नहीं आया?

सवाल: हम भी राह देख रहे हैं आज 10 दिन हो गए, सुनवाई पूरी हो चुकी है और इलेक्शन नजदीक है. ऐसे में चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम को लेकर फैसला जल्द से जल्द आना चाहिए. हम भी यह चाहते हैं लेकिन देखते हैं आगे क्या होता है. जानबूझकर लेट किया जा रहा है, इस प्रकार का आरोप नहीं लगाऊंगा क्योंकि चुनाव आयोग के पास भी बहुत सारे काम होते हैं.

सवाल: अजीत पवार बार-बार आपकी उम्र का जिक्र कर रहे हैं. आप कब रुकेंगे ऐसा सवाल पूछ रहे हैं?

सवाल: वे क्या बोल रहे हैं इस पर बहुत ज्यादा बोलने की मेरी इच्छा नहीं. उन्होंने मेरी उम्र का मुद्दा उछाला अगर उन्हें यह सही लग रहा है तो कर सकते हैं. मैं साल 1967 से बिना ब्रेक लिए काम कर रहा हूं. इस पूरे समय में कभी भी विरोधियों ने मेरे काम करने की पद्धति पर सवाल नहीं उठाया. 

सवाल: मेरे सभी साथियों को पता है कि राज्यसभा की सदस्यता मेरी समाप्त हो रही है और मैंने यह बयान दिया है कि अब मैं इसके बाद कॉन्टेस्ट नहीं करने वाला. मेरे इस बयान के बाद डायरेक्शन साफ होता है. लेकिन जो पिछले 2 साल से मेरे साथ हैं, उन्हें मैं बीच में नहीं छोड़ सकता. मेरी पार्टी के लोगों ने मुझे भेजा है, मैं इस्तीफ़ा कैसे दे सकता हूं.

सवाल: लक्षद्वीप और मालदीव को उपजे विवाद पर क्या कहना है?

सवाल: नरेंद्र मोदी की सरकार और उनके पॉलिटिकल अप्रोच को लेकर हमारे मन में कई बातें हैं. लेकिन जब देश के प्रधानमंत्री के बारे में किसी अन्य देश के लोग कुछ कहते हैं तो यह हमें स्वीकार नहीं. देश के बाहर वे हमारे प्रधानमंत्री हैं, प्रधानमंत्री के पद कR गरिमा है और हम उसकी इज्जत करते हैं. इसीलिए अगर अन्य देश के लोग कुछ कहते है तो हमें स्वीकार नहीं. यहां बोलने के लिए बहुत समय है.

सवाल: आपके पार्टी के नेताओं ने राम मंदिर को लेकर जिस तरह से बयानबाजी की है, उसको लेकर आप क्या कहेंगे?

सवाल: मेरी पार्टी की तरफ से राम को लेकर कोई गलत बयान नहीं दिया गया. राम श्रद्धा के विषय हैं. राम लोगों के दिल में बसते हैं. हम उन्हें दिल में रखते हैं और इस पर कुछ कहने की जरूरत नहीं है. मेरी पार्टी से जितेंद्र ने जो बयान दिया, अगर आप वाल्मीकि रामायण पढ़ेंगे तो समझ आ जायेगा. लेकिन उन्होंने जो कहा वह कहने की आवश्यकता नहीं थी. उसे नहीं कहते तो अच्छा होता. लेकिन उन्होंने राम का अपमान किया ऐसा बिल्कुल नहीं है. 

सवाल: क्या राम मंदिर के दर्शन के लिए अयोध्या जाएंगे?

 जवाब: अखबारों के माध्यम से मुझे पता चला कि राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण मुझे भेजा गया है लेकिन मुझे अभी तक मिला नहीं. फिलहाल जो सरकार है, उनका ज्यादा से ज्यादा लोगों को भेजने का जो प्रोग्राम चल रहा है. जब वह खत्म हो जाएगा और भीड़ कम हो जाएगी तो आने वाले साल 2 साल में हम भी वहां जाएंगे. वहां जाने के लिए किसी निमंत्रण की आवश्यकता नहीं.

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