पूर्व जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा, 'देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है'
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पूर्व जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा, 'देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है'

शरद यादव ने कहा, इस आपातकाल और चार दशक पहले लगे आपातकाल के बीच एकमात्र अंतर यह है कि वह प्रत्यक्ष था और तब हमने संघर्ष किया था....’’  

जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव (फाइल फोटो)

चंडीगढ़ः जेडीयू के पूर्व नेता शरद यादव ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में एक अघोषित आपातकाल की स्थिति है और सभी लोकतांत्रिक संस्थाएं खतरे में हैं.यादव ने यह आरोप भी लगाया कि संविधान को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है. यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश मुश्किल समय से गुजर रहा है. देश में अघोषित आपातकाल की स्थिति है. इस आपातकाल और चार दशक पहले लगे आपातकाल के बीच एकमात्र अंतर यह है कि वह प्रत्यक्ष था और तब हमने संघर्ष किया था....’’ 

शरद यादव ने आरोप लगाया कि देश में अल्पसंख्यकों पर विभिन्न आधार पर हमले हो रहे हैं. उन्होंने बीजेपी की नीतियों को ‘‘घातक बताया, जिसने लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है.’’ उन्होंने कहा कि लव जिहाद के नाम पर समुदायों के बीच विभाजन पैदा किया जा रहा जबकि गाय के नाम पर लोगों की हत्या की जा रही.

उन्होंने कहा, ‘‘यह समाज के लिए खतरनाक है.’’ यादव ने कहा कि उन लोगों (बीजेपी) ने विदेशों में जमा काला धन वापस लाने का वादा किया था. लोगों को वादा किया गया कि उनके बैंक खातों में 15 लाख रुपये आएंगे.

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक सक्षम नेता हैं जो किसी भी महागठबंधन का नेतृत्व कर सकते हैं, जिसका भविष्य में गठन होगा.उन्होंने बिहार की राजनीति पर कहा कि उन्होंने (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत धड़ा ने) बीजेपी से हाथ मिला कर 11 करोड़ लोगों के जनादेश का अपमान किया.

बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने में जुटे शरद
 30 जनवरी को नई दिल्ली में शरद यादव ने बताया था कि केन्द्र और तमाम राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा सरकारों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता में लगातार बढ़ते गुस्से को देखते हुये विपक्ष की एकजुटता के प्रयास तेज किए गए हैं. उन्होंने बताया कि किसानों और युवाओं की बदहाली तथा सांप्रदायिकता के खतरे की समस्या को प्रमुखता से उठाने के लिये विपक्ष की एकजुटता जरूरी है. उन्होंने कहा था कि बैठक में विपक्षी दलों की ओर से देशव्यापी स्तर पर बीजेपी सरकार की गलत नीतियों को उजागर करने की रणनीति पर शुरुआती विचार विमर्श किया गया है.

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