पुलिस, कानून व्यवस्था को समवर्ती सूची में शामिल किया जाए: नीति दस्तावेज
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पुलिस, कानून व्यवस्था को समवर्ती सूची में शामिल किया जाए: नीति दस्तावेज

दस्तावेज के अनुसार साथ ही इंटरनेट, संचार और मोबाइल प्रौद्योगिकी में वृद्धि को देखते हुए संगठित अपराध और आतंकवाद से देश भर में पुलिस बल के लिए एकीकृत कानूनी, प्रशासनिक और परिचालनात्मक मसौदे से निपटा जा सकता है. 

दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘इसे कानून व्यवस्था के नियमन को लेकर केंद्र सरकार को सशक्त बनाकर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.’’  (FILE)

नई दिल्ली: नीति आयोग के एक दस्तावेज में एकीकृत मसौदे के तहत बढ़ते अंतर-राज्यीय अपराध और आतंकवाद से निपटने के लिए संगठित अपराध कानून बनाने का सुझाव दिया गया है. इसमें सीबीआई के साथ-साथ कानून व्यवस्था को सांविधिक सूची में डालने की बात कही गई है. दस्तावेज में बीट कांस्टेबल व्यवस्था के पुनरुद्धार और उसे मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है.

  1. दस्तावेज में बीट कांस्टेबल व्यवस्था के पुनरुद्धार और उसे मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है.
  2. दस्तावेज में पुलिस और कानून व्यवस्था को समवर्ती सूची में शामिल करने की वकालत की गई है. 
  3. दस्तावेज में अंतर-राज्यीय अपराध और आतंकवाद से निपटने के लिए संगठित अपराध कानून बनाने का सुझाव दिया गया है.

दस्तावेज में में कहा गया है, ‘‘....इसमें संगठित अपराध कानून बनाना, देश के लिए एकल पुलिस कानून, पुलिस को सांविधक सूची में डालना, संघीय अपराध की घोषणा, अपराधों के पंजीकरण के संदर्भ में उपाय, सीबीआई को सांविधिक समर्थन, बड़े क्षेत्रों के लिये आयुक्त कार्यालय प्रणाली, बीट कांस्टेबल प्रणाली का पुनरुद्धार और उसे मजबूती प्रदान करने और आपराधिक प्रक्रिया तथा साक्ष्य प्रणाली में कुछ बदलाव शामिल हैं.’’ 

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‘भारत में स्मार्ट पुलिस तैयार करना: पुलिस बल में जरूरी सुधार को लेकर पृष्ठभूमि’ शीर्षक से जारी दस्तावेज में पुलिस और कानून व्यवस्था को राज्य सूची से हटाकर संविधान की समवर्ती सूची में शामिल करने की वकालत की गई है. इसमें कहा गया है कि कानून व्यवस्था को संविधान की समवर्ती सूची में शामिल करने से केंद्र सरकार कानून व्यवस्था के उल्लंघन को शुरू में काबू करने के लिये अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकती है.

इसे समवर्ती सूची में शामिल करने के प्रस्ताव के पीछे एक और कारण अंतर-राज्यीय अपराध में तेजी से वृद्धि होना है. इसमें कहा गया है, ‘‘मौजूदा प्रारूप में इनसे निपटना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि सभी राज्यों में कानूनी और प्रशासनिक रूपरेखा अलग-अलग है.’’

दस्तावेज के अनुसार साथ ही इंटरनेट, संचार और मोबाइल प्रौद्योगिकी में वृद्धि को देखते हुए संगठित अपराध और आतंकवाद से देश भर में पुलिस बल के लिए एकीकृत कानूनी, प्रशासनिक और परिचालनात्मक मसौदे से निपटा जा सकता है. इसमें कहा गया है, ‘‘इसे कानून व्यवस्था के नियमन को लेकर केंद्र सरकार को सशक्त बनाकर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.’’ 

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