शिवसेना ने पूछा- गरीबों के लिए कब आएंगे ‘अच्छे दिन’
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शिवसेना ने पूछा- गरीबों के लिए कब आएंगे ‘अच्छे दिन’

पुणे में एक गरीब बच्चे को मैकडॉनल्ड्स रेस्त्रां से बाहर फेंके जाने के बाद पैदा विवाद के बीच महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सहयोगी दल शिवसेना ने सोमवार को पूछा है कि देश में गरीबों के लिए ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे? शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखे एक संपादकीय लेख में कहा है कि यह (मैकडॉनल्ड्स) प्रकरण इस देश में अमीर और गरीब के बीच के अंतर को दिखाता है। इस तरह की घटनाओं पर चर्चाएं जारी रहेंगी लेकिन सिर्फ चर्चाओं से गरीब बच्चों की समस्या हल नहीं होगी। हमें सड़कों, फ्लाईओवरों के नीचे, सिगनलों के पास या रेलवे स्टेशनों पर और रेस्त्रांओं के बाहर अपने पेट पर हाथ रखकर खड़े गरीब बच्चे मिलते रहेंगे।

मुंबई : पुणे में एक गरीब बच्चे को मैकडॉनल्ड्स रेस्त्रां से बाहर फेंके जाने के बाद पैदा विवाद के बीच महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के सहयोगी दल शिवसेना ने सोमवार को पूछा है कि देश में गरीबों के लिए ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे? शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखे एक संपादकीय लेख में कहा है कि यह (मैकडॉनल्ड्स) प्रकरण इस देश में अमीर और गरीब के बीच के अंतर को दिखाता है। इस तरह की घटनाओं पर चर्चाएं जारी रहेंगी लेकिन सिर्फ चर्चाओं से गरीब बच्चों की समस्या हल नहीं होगी। हमें सड़कों, फ्लाईओवरों के नीचे, सिगनलों के पास या रेलवे स्टेशनों पर और रेस्त्रांओं के बाहर अपने पेट पर हाथ रखकर खड़े गरीब बच्चे मिलते रहेंगे।

लेख में भाजपा के चुनावी नारे की ओर इशारा करते हुए कहा गया कि इन बच्चों का क्या होगा? इनके लिए ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे? शिवसेना ने आरोप लगाया कि अपने स्वार्थी लाभों के चलते नेता अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटने से इंकार करते हैं और इसके परिणामस्वरूप गरीब लोगों को लगातार अभिजात्य वर्ग के लोगों के हाथों शोषण झेलना पड़ता है। शिवसेना ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है, जो सड़क पर रहने वाले गरीब बच्चे को किसी महंगे रेस्त्रां में दाखिल होने से रोकता हो। लेकिन ऐसे रेस्त्रां गरीबों के लिए नहीं बने हैं। इस वजह से वंचित लोगों को ‘वड़ा पाव’ जैसा सस्ता भोजन खाकर अपनी भूख मिटानी पड़ती है।

शिवसेना ने आगे कहा कि पुणे के रेस्त्रां के मामले में, बच्चे के पास मैकडॉनल्ड्स में भोजन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। लेकिन कोई और व्यक्ति उस बच्चे को खुश करने के लिए पैसे देने को तैयार था। लेकिन रेस्त्रां ने उसे यह कहते हुए बाहर निकाल दिया कि यह स्थान ऐसे (गरीब) लोगों के लिए नहीं है। यह समाज में दो वर्गों के बीच मौजूद अंतर को दर्शाता है। मैकडॉनल्ड्स इंडिया ने एक बयान में कहा है कि वह इस प्रकरण की ‘आंतरिक’ जांच कर रहा है और रेस्त्रां के प्रबंधन ने इस घटना में संलिप्त सुरक्षाकर्मी को निलंबित कर दिया है।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, पुणे में 10 जनवरी को एक गरीब बच्चे को रेस्त्रां के एक कर्मचारी ने कथित तौर पर यह कहते हुए बाहर निकाल दिया था कि इस तरह के लोगों को यहां आने की अनुमति नहीं है।

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