जानिए 'ड्रीम प्रोजेक्ट' बुलेट ट्रेन का विरोध क्यों कर रही है शिवसेना
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जानिए 'ड्रीम प्रोजेक्ट' बुलेट ट्रेन का विरोध क्यों कर रही है शिवसेना

शिवसेना ने सामना में लिखा कि बुलेट ट्रेन का सपना आम आदमी का नही, वह अमीरों तथा व्यापारी वर्ग के कल्याण का है और इसलिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को बनाया गया है.

ठाकरे ने कहा कि जमीन-पैसा महाराष्ट्र और गुजरात का लगे और मुनाफा जापान कमाए. फाइल फोटो

मुंबई: केंद्र और महाराष्‍ट्र सरकार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी शिवसेना अब मोदी सरकार के खिलाफ बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर मैदान में कूद गई है. शिवसेना ने विरोध करते हुए अपने मुखपत्र 'सामना' में बुलेट ट्रेन को लूट और ठगी बताया और कहा कि जमीन-पैसा महाराष्ट्र और गुजरात का लगे और मुनाफा जापान कमाए. इसके पीछे शिवसेना ने तर्क दिया कि भारत में बुलेट ट्रेन जापान की मदद से तैयार होगी और इसके लिए जापानी कंपनी कील से लेकर ट्रैक और तकनीक सब कुछ अपने देश से लाने वाली है. यहां तक कि मजदूर भी जापान से आने वाले हैं. 'भूमिपुत्रों' को नौकरी देने का विरोध भी जापानी कंपनी ने किया है.

  1. शिवसेना ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना से लोगों को रोजगार दिए जाने के दावे झूठे हैं.

    उन्होंने यह भी लिखा कि जापानी कंपनी भारत में कोई नौकरी नहीं देने जा रही है.

    शिवसेना ने कहा कि जापान एक छोटी सी कील के अलावा टेक्नीशियन भी जापान से ही लाएगा.

बुलेट ट्रेन के सिर्फ चार स्टेशन महाराष्ट्र में है जबकि 8 स्टेशन गुजरात में है. इस परियोजना के लिए महाराष्ट्र से जमीन का आवंटन करना पड़ेगा इसीलिए यह बुलेट ट्रेन महाराष्ट्र के किसानों की छाती पर दौड़गी ये तय है. बुलेट ट्रेन का सपना आम आदमी का नही, वह अमीरों तथा व्यापारी वर्ग के कल्याण का है और इसलिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को बनाया गया है.

सामना ने लिखा कि गोयल रेल मंत्री ही नही बलाकि बीजेपी के कोषाध्यक्ष भी हैं. इसका ख्याल पारदर्शी तरीके से रखना आवशयक है. गुजरात में चुनाव सिर पर हैं इसलिए व्यापारी वर्ग को कुछ तो देना ही पड़ेगा. मुंबई की लूट बुलेट ट्रेन के जरिये ना हो.

पार्टी के मुखपत्र सामना में लेख के जरिए उद्धव ठाकरे ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना से लोगों को रोजगार दिए जाने के झूठे दावे किए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी लिखा कि जापानी कंपनी भारत में कोई नौकरी नहीं देने जा रही है. जापान अपने देश से सामान के साथ-साथ टेक्नीशियन भी लाएगा.

सामना ने याद दिलाया है कि महाराष्ट्र के विधायक और सांसद अपने अपने क्षेत्र में रेल परियोजनाओं की मांग कर रहे हैं. उन्हें अधर में रख कर बुलेट ट्रेन बिना मांगे मिल रही है.किसानों की कर्जमुक्ति की मांग पर कहा जाता है कि अराजकता फैल जाएगी लेकिन प्रधानमंत्री के अमीर सपने के लिए 30 से 50 हजार करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे. इससे अराजकता नही फैलेगी क्या? 

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