मुंबई पुलिस दबाव का शिकार नहीं होती है, ये पूरी तरह प्रोफेशनल है. 26/11 आतंकवादी हमले का जवाब मुंबई पुलिस ने ही दिया और सशक्त सबूत इकट्ठा करके कसाब को फांसी के तख्ते तक पहुंचाया.
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मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत की जांच के मामले को सीबीआई को देने को लेकर सवाल खड़े किए हैं, सामना की संपादकीय में लिखा है कि 'सीबीआई’ एक केंद्रीय जांच एजेंसी है, लेकिन वो स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं है. ये कई बार देख जा चुका है. साथ ही ये भी लिखा है कि सुशांत सिंह राजपूत के जरिए महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.
मुंबई पुलिस दुनिया का सर्वोच्च जांच तंत्र है. मुंबई पुलिस दबाव का शिकार नहीं होती है, ये पूरी तरह प्रोफेशनल है. शीना बोरा हत्या मामला मुंबई पुलिस ने ही सुलझाया. उसमें कई बड़े नाम शामिल थे लेकिन पुलिस ने सभी को जेल में पहुंचाया. 26/11 आतंकवादी हमले का जवाब मुंबई पुलिस ने ही दिया और सशक्त सबूत इकट्ठा करके कसाब को फांसी के तख्ते तक पहुंचाया.
सुशांत जैसे मामले में केंद्र द्वारा हस्तक्षेप करना मुंबई पुलिस का अपमान है. 'सीबीआई’ एक केंद्रीय जांच एजेंसी है लेकिन वो स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं है. ये कई बार देख जा चुका है. कई राज्यों ने सीबीआई पर पाबंदी ही लगा दी है. शारदा चिटफंड मामले की जांच करने के लिए कोलकाता पहुंचे सीबीआई के दस्ते को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिर्फ रोका ही नहीं बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करके उन्हें लॉकअप में भी डाल दिया.
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उस दिन पूरा कोलकाता सीबीआई के खिलाफ सड़कों पर उतर आया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उस भीड़ का नेतृत्व सड़क पर उतरकर कर रही थीं. जिनकी सरकार केंद्र में होती है, सीबीआई उनकी ताल पर काम करती है. सुप्रीम कोर्ट से लेकर ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं पर विगत कुछ वर्षों में सवालिया निशान लग चुके हैं. ऐसे सवाल खड़े करने में नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी शामिल थे.
बिहार पुलिस के दो दस्ते मुंबई में सुशांत सिंह की मौत की जांच करने के लिए आए. उनमें से एक दल को बीएमसी ने कोरोना कानून के तहत क्वॉरंटीन किया. इस पर राजनीति क्यों होनी चाहिए?
सुशांत सिंह राजपूत की मौत से पहले मैनेजर दिशा सालियन ने आत्महत्या की थी. दोनों मामले पूरी तरह से अलग हैं लेकिन राजनीतिक नेता दो खुदकुशी के धागों को जोड़ रहे हैं. दिशा सालियन के साथ बलात्कार करके उसे इमारत से नीचे फेंका गया था, ऐसा आरोप बीजेपी के एक नेता लगा रहे हैं. ऐसा करते समय उन्होंने दिशा के परिवार का थोड़ा भी विचार किया होगा, ऐसा लगता नहीं है. दिशा सालियन के पिता ने एक पत्र लिखकर इस पर दुख व्यक्त किया.
एक बात सत्य है कि सुशांत का पटना में रहने वाले अपने पिता से संबंध अच्छा नहीं था. मुंबई में ही उसका ‘आशियाना’ था. इस पूरे दौर में सुशांत, पिता व अन्य रिश्तेदारों से कितनी बार मिला, सुशांत कितनी बार पटना गया ये सामने आने दो. अंकिता लोखंडे और रिया चक्रवर्ती ये दो अभिनेत्रियां उसके जीवन में थीं. इनमें से अंकिता ने सुशांत को छोड़ दिया था और रिया उसके साथ थीं. अब अंकिता, रिया चक्रवर्ती के बारे में अलग बात कर रही हैं. असल में अंकिता और सुशांत अलग क्यों हुए इस पर प्रकाश डालने के लिए कोई तैयार नहीं है जो कि जांच का एक हिस्सा होना चाहिए.
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