PM Modi के भावुक होने पर शिवसेना का तंज, 'सामना' के जरिए पूछा ये सवाल
Advertisement
trendingNow1846272

PM Modi के भावुक होने पर शिवसेना का तंज, 'सामना' के जरिए पूछा ये सवाल

शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Saamana) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर निशाना साधा गया है. लोक सभा में भावुक होने पर तंज कसते हुए शिव सेना ने पूछा है कि पत्रकारों के लिए आंसू कौन बहाएगा?

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).

मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) के मुखपत्र सामना (Saamana) के जरिए पीएम मोदी के लोक सभा में भावुक होने पर सवाल खड़े किए गए हैं. प्रेस की आजादी को लकर सवाल पूछते हुए सामना में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) से लेकर किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर सरकार को घेरने की कोशिश की गई है. 

'मीडिया बड़े निवेशकों का उद्योग'

सामना (Saamana) में लिखा है मीडिया बड़े निवेशकों का उद्योग बन चुका है और ये सारे निवेशक सत्ताधीशों की एड़ी के नीचे छटपटाते हुए जीते रहते हैं. आपातकाल के पत्रकारों की अवस्था पर अब हंसने में कोई मतलब नहीं है. एक तरफ गोस्वामी जैसे टीवी पत्रकार भ्रष्ट तरीके से ‘टीआरपी’ बढ़ाते हैं और घोटाले करते हैं. पत्रकार के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा में सेंध लगाने का काम करते हैं. रक्षा विभाग की गुप्त सूचनाएं जगजाहिर करते हैं. ऐसे लोगों पर केंद्र सरकार द्वारा ‘स्यूमोटो’ देशद्रोही कार्रवाई करना आवश्यक होते हुए भी इन मामलों को ठंडे बस्ते में डालने के लिए दबाव डाला जाता है.'

'सब गोलमाल है'

सामना के जरिए केंद्र पर अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) को बचाने का आरोप लगाते हुए लिखा है, 'उन पर (अर्बन गोस्वामी) विधान सभा में विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई न होने पाए इसके लिए न्यायालय में विशेष रूप से हस्तक्षेप किया जाता है. उसी समय लोक सभा में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद महुआ मोइत्रा ने सड़ी हुई न्याय-व्यवस्था पर प्रहार किया और उन्हें भी कार्रवाई की सूली पर चढ़ाया जा रहा है. जिन पर देशद्रोह और झूठे मुकदमे चलाए जाने चाहिए वे भाजपा सरकार के जमाई के रूप में घूम रहे हैं और जो कल तक भाजपा व मोदी का बखान करते थे, वे देश के दुश्मन हो गए. ये सब अजीब मामला है. लेकिन इन सारे तथाकथित देशद्रोही आदि पत्रकारों के लिए आंसू कौन बहाएगा! सब गोलमाल है.

यह भी पढ़ें; Farmers Protest: जानिए आंदोलन कैसे बन गया देश का सबसे नया उद्योग, क्‍या अब निकलेगी Vacancy?

VIDEO

'असत्य की रोज जय हो रही है'

सामना में पत्रकारिता पर लिखा है, 'हिंदुस्थान की पत्रकारिता इतनी हतबल और लाचार कभी नहीं थी. अच्छे को अच्छा और बुरे को बुरा कहने की हमारी परंपरा है. ‘सत्यमेव जयते’ हमारा घोषवाक्य है लेकिन चुनाव प्रचार में लोग लफ्फाजी करके सत्तारूढ़ हो जाते हैं. असत्य की रोज जय हो रही है. वहीं एक किसान पुलिस गोलीबारी में मरा या अपघात में? इस पर कोर्टमार्शल करके पत्रकारों को देशद्रोह के वधस्तंभ पर लटकाया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) कभी पत्रकारों के मित्र थे. पत्रकार ही मोदी को शिखर पर ले गए. अपने पुराने मित्रों के लिए मोदी दो आंसू बहाएंगे क्या? 

LIVE TV 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news