महाराष्ट्र: रायगढ़ किले में मनाया जाएगा शिवाजी का राज्याभिषेक समारोह
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महाराष्ट्र: रायगढ़ किले में मनाया जाएगा शिवाजी का राज्याभिषेक समारोह

शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक रायगढ़ किले में छह जून 1674 को हुआ था जो कि तत्कालीन मराठा साम्राज्य की राजधानी थी.

 (फाइल फोटो)

मुंबई: महाराष्ट्र के ऐतिहासिक रायगढ़ किले में छह जून को छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक समारोह की जयंती मनाने के लिए करीब चार लाख लोगों के एकत्रित होने की उम्मीद है. यह जानकारी आयोजकों ने दी. शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक रायगढ़ किले में छह जून 1674 को हुआ था जो कि तत्कालीन मराठा साम्राज्य की राजधानी थी.

मुंबई से करीब 170 किलोमीटर दूर रायगढ़ जिले के रायगढ़ किले में ‘रायगढ़ शिवराज्याभिषेक..2019’ के दौरान पांच और छह जून को श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों की योजना बनायी गई है.

रायगढ़ विकास प्राधिकरण (आरडीए) के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य संभाजीराजे छत्रपति ने कहा,‘विश्व पर्यावरण दिवस पांच जून को और शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक छह जून को पड़ता है. हम किले और उसके संरक्षण, विरासत, इतिहास, पर्यावरण सहित कई मुद्दों को जोड़ रहे हैं.’

उन्होंने कहा,‘जब शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था उस समय अंग्रेज हेनरी ओक्सेडेन मौजूद थे. इस वर्ष हमने पांच देशों के राजनयिकों को आमंत्रित किया है.’ संभाजीराजे छत्रपति कोल्हापुर राजघराने से आते हैं और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं.  उनके अनुसार गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में चीन, पोलैंड, यूनान, बुल्गारिया और ट्यूनीशिया के राजनयिक उपस्थित रहेंगे.

उन्होंने कहा कि बुधवार से लोग किले के आसपास एकत्रित होना शुरू हो जाएंगे. सरपंच और किले के आसपास के 21 गांवों के लोगों की मौजूदगी में एक पूजा आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा कि गुरुवार को ध्वजारोहण के बाद शिवाजी महाराज की पालकी आएगी. कार्यक्रम में शिवाजी महाराज के वंशज भी मौजूद रहेंगे.

इस बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी रायगढ़ किले में चल रही तैयारियों को लेकर संतोष जाहिर किया.

किले एवं आस पास के क्षेत्रों का दौरा करने के बाद फड़णवीस ने कहा,‘यह छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘स्वराज्य’ की राजधानी के इतिहास को सुरक्षित करने का हमारा प्रयास है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत रायगढ़ विकास बोर्ड इस दिशा में कार्य कर रहा है. ‘शिवप्रेमियों’ की मांग को पूरा करने में अभी लंबा रास्ता तय करना होगा.’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किले के विकास के लिये 606 करोड़ रुपये का कोष आवंटित किया है और 59 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण का कार्य पूरा होने के करीब है.

उन्होने कहा,‘ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए किले में प्राचीन वस्तुओं को संरक्षित और सुरक्षित किया जा रहा है. पर्यटकों के लिये आम सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं.’ उन्होंने बताया कि किले के परिसर के अंदर स्थित 22 तालाबों में पानी भरने का काम पूरा हो गया है.

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