Madhya Pradesh CM Mohan Yadav: आज जब मोहन यादव सीएम पद की शपथ ले रहे थे तो एक तरफ मंच पर कोने में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे. मंच पर आने से पहले उन्होंने मीडिया के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा कि मित्रों अब विदा. इसके बाद कबीर दास की एक लाइन दोहराते हुए दिल की बातें सामने रख दी.
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MP के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav Oath) ने आज शपथ ले ली. इससे पहले कई ऐसे मौके आए जब मीडिया के कैमरे कल तक सीएम का कामकाज देख रहे शिवराज सिंह चौहान पर आकर ठिठक गए. शपथ ग्रहण समारोह से ठीक पहले शिवराज ने हाथ जोड़ते हुए कहा, 'मित्रों, अब विदा... जस की तस रख दीनी चदरिया.' यह पंक्ति कबीर दास की है. इसके जरिए पूर्व सीएम ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. शायद वह कहना चाह रहे थे कि उन्होंने 'जस की तस' स्थिति में नए सीएम को चार्ज सौंप दिया है. उन्होंने नए सीएम मोहन यादव को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि वह मध्य प्रदेश को समृद्धि और विकास और जनता के कल्याण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.
#WATCH | Bhopal: Former Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan says, "...I am confident that the new CM (Madhya Pradesh CM-designate Mohan Yadav) will take the prosperity, development and public welfare in the state to new heights..." pic.twitter.com/REMjFQVY0T
— ANI (@ANI) December 13, 2023
शपथ ग्रहण समारोह में जब शिवराज मंच पर आए तो बीच में पहुंचकर उन्होंने जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. उन्हें सिंधिया के बगल में बिठाया गया था. दूसरी तरफ उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी बैठे थे. उसी लाइन में मंच के बीचोबीच गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बैठे थे. एक दिन पहले सीएम के तौर पर अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवराज कई बार भावुक हुए. पद के लिए दिल्ली जाने के सवाल पर वह यह भी बोल गए कि मैं दिल्ली जाने से बेहतर मरना पसंद करूंगा. कुछ महिलाएं उनसे मिलकर कल रो पड़ी थीं. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया.
#WATCH | Former Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan and Union Minister Jyotiraditya Scindia arrive at the venue of the swearing-in ceremony of Madhya Pradesh CM-designate Mohan Yadav, in Bhopal. pic.twitter.com/Nqf57A5UQJ
— ANI (@ANI) December 13, 2023
शिवराज सिंह चौहान करीब 18 साल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. उन्हें अटल-आडवाणी के दौर में चुना गया था. आगे उन्हें पार्टी में क्या रोल दिया जाएगा अभी स्पष्ट नहीं है. लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर शिवराज ने कल कहा था कि उनके बारे में फैसला पार्टी करती है. कुछ एक्सपर्ट मान रहे हैं कि शिवराज को दिल्ली में जिम्मेदारी दी जा सकती है. आखिर में पढ़िए कबीर दास की वो पंक्तियां जिसका एक हिस्सा शिवराज ने आज दोहराया.
सो चादर सुर नर मुनि ओढी,
ओढि के मैली कीनी चदरिया.
दास कबीर जतन करि ओढी,
ज्यों कीं त्यों धर दीनी चदरिया.