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Karnataka Textbook syllabus row: कर्नाटक के पूर्व मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता के.एस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) ने राज्य में पाठ्यपुस्तक में संशोधन का विरोध करने वालों की आलोचना करते हुए सवाल पूछा है कि, क्या सिलेबल में मुहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) पर एक पाठ शामिल किया जाना चाहिए. दरअसल प्रदेश सरकार ने सूबे में पाठ्यपुस्तक संशोधन समिति का गठन किया है. इस समिति ने पहली से एसएसएलसी (कक्षा 10) की कन्नड़ भाषा की पाठ्यपुस्तकों और कक्षा 6-10 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा की है.
प्रदेश के पूर्व मंत्री ईश्वरप्पा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अभी तक छात्रों ने सिर्फ आक्रांताओं और देश की संस्कृति को नष्ट करने वालों के महिमामंडन को पढ़ा है. ऐसे में ये सरकार का कर्तव्य है कि देश की भावी युवा पीढ़ी को सही इतिहास पढ़ाया जाए.
Was a lesson on Jinnah should have been included in the syllabus instead of a lesson on a speech made by RSS founder KB Hedgewar? Hedgewar's speech that was included in school textbooks aimed at introducing the culture of the land and patriotism: Karnataka BJP MLA KS Eshwarappa pic.twitter.com/WpBKVf58uY
— ANI (@ANI) May 27, 2022
बताते चलें कि कर्नाटक की सरकार ने समिति से पीयूसी 2 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक को संशोधित करने के लिए भी कहा है. वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक केशव बलराम हेडगेवार की स्पीच को पाठ में शामिल करने पर आपत्ति जताने वालों पर ईश्वरप्पा ने कहा, 'यह छात्रों को देश की संस्कृति और देशभक्ति से परिचित कराने के लिए है. क्या आपको लगता है कि शिवलिंग को नष्ट करने वाले मुगल राजा औरंगजेब पर एक पाठ शामिल होना चाहिए? आज तक छात्र सिकंदर महान का पाठ पढ़ते आ रहे हैं. इसलिए भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए.'
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पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक ईश्वरप्पा ने ये भी कहा, 'अगर हेडगेवार की विचारधारा देश में नहीं फैली होती, तो देश अब तक विभाजित हो गया होता. हिंदुओं में जो जागरूकता लाई जा रही है. सरकार ने संस्कृति को संरक्षित करने का फैसला किया है. लेकिन कुछ लोग प्रगतिशील विचारक हिंदुओं के बीच एकता और जागरूकता नहीं चाहते हैं.'