Uttar Pradesh News: महेवाघाट कोतवाली क्षेत्र के अलवारा झील में सोमवार सुबह अरुण कुमार नाम के एक शिकारी को पुलिस ने 7 साइबेरियन पक्षी के साथ पकड़ा. मेहमान बनकर आए इन पक्षियों के शिकार की खबर के बाद अब पुलिस महकमा अलर्ट पर है.
Trending Photos
UP Crime News: अपनी जान बचाने के लिए सात समंदर पार कर कौशांबी जिले के अलवारा झील आने वाले साइबेरियन पक्षियों का ठिकाना भी अब सुरक्षित नहीं रह गया है. विदेशों से आने वाले इन प्रवासी पक्षियों का शिकार कर शिकारी मास के शौकीनों को बेच देते है. यही कारण है कि इन पक्षियों की संख्या लगतार घट रही है. पुलिस सोमवार सुबह अरुण कुमार नाम के एक शिकारी को 7 साइबेरियन पक्षी के साथ गिरफ्तार किया है. हालांकि, की वायरल वीडियो में अरुण इन पक्षियों को शिकारी से खरीदने की बात कह रहा है. सब से बड़ी बात यह है कि जिला प्रशासन इनकी सुरक्षा को लेकर आज भी गंभीर नहीं दिख रहा.
वन विभाग के रेंजर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज
महेवाघाट कोतवाली क्षेत्र के अलवारा झील में सोमवार सुबह अरुण कुमार नाम के एक शिकारी को पुलिस ने 7 साइबेरियन पक्षी के साथ पकड़ा. पुलिस पूछताछ में अरुण ने बताया की उसने अलवारा गांव के ही रहने वाले एक शिकारी से प्रति एक साइबेरिया पक्षी को 125 रुपए में खरीदा है. इसको मांस खाने वाले शौकीनों को महंगे दामों में बेच देते है. पकड़े जाने के बाद अरुण अपने जैकेट से एक के बाद एक 7 साइबेरिया मृत पक्षियों को निकलता है जो वायरल वीडियो में देखा जा सकता है. महेवाघाट पुलिस ने वन विभाग के रेंजर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और अरुण को अलवारा गांव ले जाकर शिकारियों का पहचान कराने की कोशिश कर रही है. हालांकि, अभी तक शिकारियों की पहचान नही हो पाई है. साइबेरियन के अलावा इस झील में आने वाले पक्षियों लालसर, सुरखाब, हंस, कैमा, नकटा आदि प्रजाति की पक्षियों की बिक्री शिकारियों द्वारा किया जा रहा है. खुलेआम हो रहे शिकार से पक्षी बिहार के कर्मियों की कार्य शैली को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
जहरीली दवाओं का प्रयोग
अलवारा झील में मेहमान साइबेरियन पक्षियों की सुरक्षा के लिए सरकारी स्तर से किए जा रहे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं. झील के किनारे रहने वाले गांव शाहपुर, महेवाघट, मुबारकपुर, घोघपुरवा समेत अनेक गांवों के शिकारी रात को जहर में मिला अनाज झील के पानी में होने वाले पुरैन के पत्तो पर रख देते है, जिसको पक्षियों के द्वारा खाए जाने पर या तो पक्षी बेहोश हो जाते है या फिर उनकी मृत्यु हो जाती है. इसके अलावा शिकारी रात में जाल डाल कर शिकार करने के बाद दिन में इन्हें बेचने का कार्य करते है. हजारों किमी दूर से चलकर यह पक्षी इस झील में पहुंचते हैं. वहीं शिकारी जहरीली दवाओं का प्रयोग करके पक्षियों का शिकार करने से परहेज नहीं करते. पक्षियों के शिकार पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून तो बना है परंतु मौके पर प्रभाव नहीं दिख रहा है. इससे झील की जैव संपदा के नष्ट होने का खतरा पैदा हो रहा है.
शिकारी पर पुलिस की कार्रवाई
डीएफओ आर. एस यादव ने बताया कि अभी सूचना मिली है कि वहां पक्षियों का शिकार किया गया है, अलवारा झील पर और इसमें अधिकारी को भेज कर उसमें वन जीव अधिनियम के सुसंगत धाराओं के अनुसार जो पकड़े गए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहां पर शिकार न होने पाए और इस तरह की स्थिति आती है तो सूचना पर लगातार वहां बीच-बीच में ग्रामीणों के साथ गोष्टी की जाती है और उनको जानकारी भी जाती है अगर किसी प्रकार का कोई अपराध करता है तो वन विभाग को और पुलिस को सूचना दें, उसके उपरांत कुछ होता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है.
आरोपियों पर होगी कार्रवाई
एएसपी अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया के द्वारा जानकारी मिली है. साइबेरियन पक्षी का नाम बताया जा रहा है लेकिन साइबेरियन है या किस प्रजाति के पक्षी है 6 से 7 की संख्या में उनको पकड़ा करके मार करके किसी और को बिक्री करने वाली बात सामने आ रही है. इस संबंध में ट्वीट भी प्राप्त हुआ है, वन विभाग को सूचित किया गया है. वन विभाग के रिपोर्ट के अनुसार सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
(इनपुट: अली मुक्ता)