ऐसे तो बनने से रही स्मार्ट सिटी! 9860 करोड़ रुपए में सिर्फ 645 करोड़ ही हो पाए खर्च
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ऐसे तो बनने से रही स्मार्ट सिटी! 9860 करोड़ रुपए में सिर्फ 645 करोड़ ही हो पाए खर्च

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कुछ शहरों में परियोजनाओं की ‘‘असंतोषजनक’’ प्रगति पर चिंता जतायी है.

स्मार्ट सिटी मिशन के लिए औरंगाबाद ने महज 85 लाख रुपए ही खर्च किये हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 60 शहरों को जारी किये गये 9860 करोड़ रुपए में से महज सात प्रतिशत या करीब 645 करोड़ रुपए का ही उपयोग हो पाया है जो शहरी मंत्रालय के लिए एक चिंता का कारण है. करीब 40 शहरों में से प्रत्येक को 196 करोड़ रुपए जारी किये गये जिसमें से अधिकतम 80.15 करोड़ रुपए अहमदाबाद ने खर्च किये. इसके बाद इंदौर (70.69 करोड़ रुपए), सूरत (43.41 करोड़ रुपए) और भोपाल (42.86 करोड़ रुपए) रहे. आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों से यह बात सामने आयी है. आंकड़ों से खुलासा हुआ कि स्वीकृत धन में अंडमान एवं निकोबार ने महज 54 लाख रुपए, रांची ने 35 लाख रुपए और औरंगाबाद ने 85 लाख रुपए ही खर्च किये. मंत्रालय के एक अधिकारी ने कुछ शहरों में परियोजनाओं की ‘‘असंतोषजनक’’ प्रगति पर चिंता जतायी है.

  1. करीब 40 शहरों में से प्रत्येक को 196 करोड़ रुपए जारी किये गये थे,
  2. जिसमें से अधिकतम 80.15 करोड़ रुपए अहमदाबाद ने खर्च किये.
  3. इसके बाद इंदौर ने 70.69 करोड़ रुपए शहर के विकास पर खर्च किए.

स्मार्ट सिटी परियोजना में पिछड़ रहे शहरों की मददगार बनेगी केन्द्र सरकार
स्मार्ट सिटी परियोजना में लक्ष्य के मुताबिक काम करने की शहरों की गति पर केन्द्र सरकार निरंतर समीक्षा कर रही है और इस दौड़ में पिछड़ रहे शहरों की बाधाओं को दूर करने में वह मददगार बनेगी. केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल शहरों के काम की लगातार समीक्षा कर रहा है. इसमें असंतोषजनक रिपोर्टकार्ड वाले शहरों को मंत्रालय की ओर से काम की गति बढ़ाने के लिये सूचित किया जायेगा.

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल शहरों में चल रहे काम की बीते 26 दिसंबर को हुई समीक्षा बैठक में असम के गुवाहाटी और हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला शहरों के काम की गति संतोषजनक नहीं पायी गयी. अधिकारी ने बताया था कि मंत्रालय ने दोनों शहरों में सुस्त गति से चल रहे काम पर चिंता जताते हुये इन्हें न सिर्फ आगाह किया जायेगा बल्कि काम की राह में आ रही बाधाओं को पहचानते हुये इन्हें दूर करने के लिये भी कहा जायेगा, जिससे परियोजना में शामिल सभी शहर एक समान गति से आगे बढ़ते हुये इसे समय से पूरा कर सकें.

उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार के स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल शहरों के काम की गति को संतोषजनक पाया गया है. जबकि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कनार्टक और महाराष्ट्र के शहरों की सुस्त गति के मद्देनजर इन्हें काम की गति बढ़ाने को कहा जायेगा. मंत्रालय की ओर से जल्द ही स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल सभी 90 शहरों के स्थानीय निकाय एवं अन्य संबद्ध एजेंसियों को उनके काम की समीक्षा से अवगत कराते हुये तेजी से काम पूरा करने को कहा जायेगा. इसमें मंत्रालय काम की सुस्ती गति के लिये जिम्मेदार कारकों की पहचान कर इन्हें दूर करने में मदद भी करेगी.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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