दो चंद्र ग्रहण (Lunar eclipses) के बाद अब 21 जून को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगने जा रहा है.
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नई दिल्ली: दो चंद्र ग्रहण (Lunar eclipses) के बाद अब 21 जून को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगने जा रहा है. जब पूर्ण ग्रहण होता है तो चंद्रमा सूर्य को कुछ देर के लिए पूरी तरह ढक लेता है. हालांकि, आंशिक और कुंडलाकार (Annular) ग्रहण में सूर्य का केवल कुछ हिस्सा ही ढकता है. 21 जून को पड़ने जा रहा सूर्य ग्रहण कुंडलाकार है.
कुंडलाकार ग्रहण ‘रिंग ऑफ़ फायर’ बनाता है, लेकिन यह पूर्ण ग्रहण से अलग होता है. इस बार पड़ने वाला सूर्य ग्रहण भारत, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इथियोपिया, पाकिस्तान और चीन सहित अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.
कब देखा जा सकता है सूर्य ग्रहण
पूर्ण ग्रहण शुरू होगा 21 जून सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर
ग्रहण का मध्य दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा
पूर्ण ग्रहण की समाप्ति दोपहर 2 बजकर 2 मिनट पर होगी
आंशिक ग्रहण की समाप्ति दोपहर 3 बजकर 4 मिनट पर होगी
इस ग्रहण की अवधि 3 घंटे 25 मिनट की होगी. इसके बाद साल के अंत में एक और सूर्य ग्रहण होगा.
अलग-अलग मान्यताएं
ग्रहण को लेकर देश में अलग-अलग मान्यताएं हैं. जैसे आमतौर लोग पर घर पर रहना पसंद करते हैं और ग्रहण के समय कुछ भी खाने से बचते हैं. इसके अलावा, दरभा घास या तुलसी के पत्तों को खाने और पानी में डाल दिया जाता है, ताकि ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचा जा सके. कई लोग ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करने में विश्वास करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं. इसी तरह सूर्य देव की उपासना वाले मंत्रों का उच्चारण भी ग्रहण के दौरान किया जाता है. खासकर, गर्भवती महिलाओं को घर में रहने और संतान गोपाल मंत्र (Santana Gopala Mantra) का जाप करने के लिए कहा जाता है.
ग्रहण के दौरान कई लोग पानी पीने से बचते हैं. साथ ही, ग्रहण खत्म होने तक भोजन नहीं पकाया जाता. अधिकांश लोग इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं करते, क्योंकि ग्रहण को अशुभ माना जाता है.
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इस बात का रखें ख्याल
यदि आप सूर्य ग्रहण का गवाह बनना चाहते हैं, तो इसे नग्न आंखों से देखने का प्रयास न करें. कई बार लोग इस सलाह को मजाक में उड़ा देते हैं, लेकिन यह आपकी आंखों के लिए बेहद ज़रूरी है. नग्न आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से ग्रहण को देखना सुरक्षित है.