अखिलेश के जन्मदिन के मौके पर हम आपको इनके राजनीतिक करियर और लव स्टोरी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताएंगे.
Trending Photos
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा (समाजवादी पार्टी) के अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आज 1 जुलाई को अपना जन्मदिन मना रहे हैं. अखिलेश का जन्म उत्तर प्रदेश के सैफई शहर में हुआ. अखिलेश को भी लोग इतना मानते हैं जितना इनके पिता मुलायम सिंह को लोगों ने माना. अखिलेश के जन्मदिन के मौके पर हम आपको इनके राजनीतिक करियर और लव स्टोरी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताएंगे.
मुलायम सिंह को नहीं मंजूर थी डिंपल और अखिलेश की शादी
अखिलेश को अपनी प्रेम कहानी के लिए अपने पिता मुलायम को मनाना पड़ा था. ऐसा कहा जाता है कि देश की राजनीति को अलग पहचान देने वाले सपा सु्प्रीमो मुलायम सिंह यादव को दोनों का प्यार मंजूर नहीं था. लेकिन कुछ सपा नेताओं के हस्ताक्षेप के बाद मुलायम सिंह अखिलेश और डिंपल की शादी के लिए तैयार हो गए थे.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में कोरोना की स्थिति में सुधार, सभी ने हमारी मदद की : केजरीवाल
लंबी डेटिंग के बाद हुई थी दोनों अखिलेश डिंपल की शादी
डिंपल यादव उत्तराखंड की रहने वाली हैं और आर्मी घराने से ताल्लुक रखती हैं. डिंपल के पिता का नाम लेफ्टिनेंट कर्नल एससी रावत है और इनका परिवार आर्मी बैकग्राउंड से है. अखिलेश डिंपल की मुलाकात लखनऊ में एक फंक्शन में हुई थी, डिंपल उस समय लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही थीं. हालांकि उस समय अखिलेश आस्ट्रेलिया से पढ़ाई करके लौटे थे और वह राजनीति से काफी दूर थे. धीरे-धीरे इन दोनों के बीच दोस्ती हुई और लंबी डेटिंग के बाद दोनों ने 24 नवंबर 1999 को शादी की.
अखिलेश के लिए डिंपल हैं लेडी लक
डिंपल यादव को अखिलेश अपना लेडी लक मानते हैं क्योंकि दोनों की शादी के बाद अखिलेश के राजनीतिक करियर ने लंबी छलांग लगाई. शादी के एक साल बाद ही साल 2000 में अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद बने थे. अखिलेश डिंपल के तीन बच्चे हैं जिनका नाम अदिति, टीना और अर्जुन है. डिंपल यादव भी कन्नौज लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुकी हैं.
उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं अखिलेश
अखिलेश जब से राजनिति में आए तभी से उन्होंने सपा पार्टी के लिए कुछ न कुछ किया. इनके कार्यों को देखकर जनता ने इन्हें तीन बार सांसद बनाया. इतना ही नहीं लोगों का इतना बहुमत मिला इन्हें कि साल 2012 में इन्होंने उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस साल ही यह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने.