Azam Khan के बेटे को तगड़ा झटका, छिन गई विधायकी; स्वार में होगा उपचुनाव
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Azam Khan के बेटे को तगड़ा झटका, छिन गई विधायकी; स्वार में होगा उपचुनाव

Abdullah Azam Khan: अब्दुल्ला आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद स्वार विधानसभा सीट रिक्त हो गई है. विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की सीट को रिक्त घोषित किया. 

Azam Khan के बेटे को तगड़ा झटका, छिन गई विधायकी; स्वार में होगा उपचुनाव

SP MLA Abdullah Azam Khan: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को बड़ा झटका लगा है. उनकी विधायिकी छिन गई है. अब्दुल्ला आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद स्वार विधानसभा सीट रिक्त हो गई है. विधानसभा सचिवालय ने अब्दुल्ला आजम की सीट को रिक्त घोषित किया. अब्‍दुल्‍ला आजम खान पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले के स्वार विधानसभा क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे.

15 साल पुराने मामले में मिली सजा

इससे पहले मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 15 साल पुराने मामले में आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई थी.  जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध) नितिन गुप्ता ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस से हुए विवाद में आजम खान समेत नौ लोगों के खिलाफ दर्ज एक मामले में यहां की सांसद/विधायक अदालत की न्‍यायाधीश स्मिता गोस्वामी ने सोमवार को आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला को दो-दो साल की सजा और तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. 

पुलिस सूत्रों के अनुसार 31 दिसंबर 2007 की रात उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने लगातार वाहनों की गहन तलाशी अभियान चलाया हुआ था. इसी क्रम में 29 जनवरी 2008 को आजम खान जांच के दौरान अपना काफिला रोके जाने को लेकर हो गए. इसके बाद वह हरिद्वार राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए और हंगामा किया.

अब्दुल्ला आज़म अपने पिता आज़म खान की श्रेणी में शामिल हो गए, जिन्हें अक्टूबर 2022 में भी अयोग्य घोषित कर दिया गया था.  जनप्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है कि दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को ऐसी सजा की तारीख से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जेल में समय बिताने के बाद छह साल के लिए अयोग्यता बरकरार रहेगी. कानून के जानकारों के मुताबिक, पिता-पुत्र की जोड़ी के पास उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 60 दिनों का समय होगा. 

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