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पटना : गोमांस विवाद पर भाजपा के बचाव की मुद्रा में आने और ‘बढ़ती असहिष्णुता’ के खिलाफ लेखकों के विरोध के बीच पार्टी प्रमुख अमित शाह ने सोमवार को कहा कि उन राज्यों में हुई घटनाओं के लिए भाजपा को दोषी नहीं ठहराया जा सकता जहां अन्य पार्टियां सत्ता में हैं।
शाह ने बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद पहली बार यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने आरक्षण मामले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी से उपजे विवाद को शांत करने का प्रयास करते हुए कहा कि भाजपा मौजूदा आरक्षण नीति का समर्थन करती है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पिछड़ी जातियों के वोट हासिल करने के लिए भागवत के इस बयान को भुनाने की कोशिश की है।
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में पहले चरण के चुनाव में 49 सीटों में से एनडीए 32 से 34 सीट जीतेगा। अगले तीन चरण के चुनाव में भी एनडीए का प्रदर्शन अच्छा होगा। अगले तीन चरण में भी सकारात्मक समर्थन मिलेगा। हम विकास पर चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र के स्पेशल पैकेज से बिहार की जनता खुश है। बिहार के पूर्वी क्षेत्रों में विकास काफी पीछे है। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है, वहां विकास ज्यादा हुए हैं। शाह ने कहा कि बिहार की जनता एक बार फिर से जंगलराज नहीं चाहती है। बिहार की जनता अब बदलाव का मन बना चुकी है। सूबे में स्वार्थ के आधार पर महागठबंधन बना है। लालू और नीतीश सत्ता के लिए एक हुए हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, सांसद साक्षी महाराज और उत्तर प्रदेश के विधायक संगीत सोम समेत कई पार्टी नेताओं की उनके विवादास्पद बयानों को लेकर खिंचाई करने के एक दिन बाद शाह ने कहा कि विरोध कर रहे लेखकों ने जिन घटनाओं का जिक्र किया है, उनके लिए उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में सत्ता पर काबिज पार्टियां जवाबदेह हैं।