80 साल के नारायण साहू अब राजनीति को अलविदा कह चुके हैं और अपनी पीएचडी की पढ़ाई कर रहे हैं.
Trending Photos
भुवनेश्वरः जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट लेकर आराम करने के बारे में सोचते हैं उस उम्र में सोचते हैं उस उम्र में उड़ीसा के पलाहारा से दो बार विधायक और 1980 में देवगढ़ से सांसद रह चुके नारायण साहु ने अपने लिए पढ़ाई का रास्ता चुना है. 80 साल के नारायण साहू अब राजनीति को अलविदा कह चुके हैं और अपनी पीएचडी की पढ़ाई कर रहे हैं. हाल ही में साहू ने पीएचडी के पेपर दिए हैं. बता दें साहु उत्कल यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई की पढ़ाई कर रहे हैं और वह इसके लिए लिए अभी हॉस्टल में रह रहे हैं.
बता दें साहु ने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन 2011 में कंप्लीट किया था. वहीं उन्होंने एमफिल की पढ़ाई 2012-13 में पूरी की. जिसके बाद 2016 में उन्होंने पीएचडी करने का फैसला लिया और पढ़ाई शुरू कर दी. पीएचडी की पढ़ाई करने के लिए साहु ने घर में रहने के बजाय हॉस्टल में रहने का फैसला लिया और यहीं रहकर अपनी पढ़ाई करने लगे. साहु जिस हॉस्टल में रहते हैं वहां उनके पास एक छोटा बेड, मच्छरदानी और एक टेबल है, जिस पर किताबों का ढ़ेर लगा हुआ है.
Exemplifying that there is no age bar for learning, an 81-year-old former parliamentarian and ex-MLA Narayan Sahu is pursuing his Ph.D. program as a common scholar from a University
Read @ANI Story | https://t.co/H59uYhZS9g pic.twitter.com/s7lFVxPh45
— ANI Digital (@ani_digital) January 7, 2019
बता दें उड़ीसा के धनकाल के रहने वाले साहु की चार बेटियां और दो बेटे हैं, जिनमें से उनकी बड़ी बेटी की शादी कांग्रेस के दिग्गज नेता लालतेंदु विद्याधर मोहापात्रा से हुई है. वहीं उनकी पोती बीजेपी की सदस्य हैं. साहु का उनके गांव में एक मकान है, जिसमें उनका परिवार रहता है और वह घर से दूर हॉस्टल में रहकर अपना सपना पूरा कर रहे हैं. बता दें साहु पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के काफी बड़े प्रशंसक हैं. पलाहारा से दो बार विधायक और देवगढ़ से सांसद रहने के बाद राजनीति में विचारधारा की कमी और बढ़ते भ्रष्टाचार के कारण उन्होंने 1984 में राजनीति छोड़ दी और पढ़ाई में लग गए.
साहु के मुताबिक 'उनके राजनीति छोड़ने का सबसे बड़ा कारण है कि राजनीति में अब भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है. न कोई नियम, न अनुशासन और न ही कानून. अब के राजनेता किसी विचारधारा को नहीं मानते, जिसकी वजह से उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला लिया .'