बीजेपी-शिवसेना के बीच 50-50 फॉर्मूल खींचतान जारी है. शिवसेना का कहना है कि 50-50 फॉर्मूले की शर्त पर ही गठबंधन हुआ था जबकि बीजेपी का कहना है कि ऐसी कोई शर्त तय नहीं हुई थी.
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मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना (Shiv Sena) के बीच चल रहे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस (Congress) खुद के लिए एक मौका भांप रही है, लेकिन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) गठबंधन शिवसेना से समर्थन के मुद्दे पर अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण व पृथ्वीराज चव्हाण ने गुरुवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की.
महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के प्रमुख बालासाहब थोराट ने भी पवार से मुलाकात की. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, बैठकें किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए थीं. वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की. उन्होंने खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा, मैं उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं देने गया था. हमने महाराष्ट्र की राजनीति पर भी चर्चा की.
कांग्रेस-एनसीपी फिलहाल राजनीतिक स्थिति को भांप रही हैं. कांग्रेस का मानना है कि जब तक बीजेपी-शिवसेना की लड़ाई जारी रहती है, उसे अपनी रणनीति उजागर नहीं करनी चाहिए.
Sanjay Raut, Shiv Sena: Met Nationalist Congress Party (NCP) chief Sharad Pawar at his residence today. I had come to wish him on the occasion of Diwali. We also discussed the politics in Maharashtra. (file pic) pic.twitter.com/AUuxC5WIRu
— ANI (@ANI) October 31, 2019
कांग्रेस हालांकि कोई भी बड़ा निर्णय लेने के लिए एनसीपी पर अधिक निर्भर है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि एनसीपी हमारी गठबंधन की सहयोगी है और पवार के साथ विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
कांग्रेस नेताओं को शिवसेना की ओर से गठबंधन तोड़े जाने की उम्मीद है. पार्टी प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि बीजेपी के लिए शिवसेना सख्त साबित हो रही है लेकिन बीजेपी उसकी रोटेशनल मुख्यमंत्री पद की मांग को स्वीकार नहीं करेगी."
राज्य में कांग्रेस 2014 से सत्ता से बाहर है. पार्टी के एक धड़े का विचार है कि पार्टी को शिवसेना को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा करनी चाहिए. लेकिन, पार्टी जल्दबाजी में नहीं है और बीजेपी-शिवसेना के बीच फैसले का इंतजार कर रही है.
एक नेता ने कहा कि कांग्रेस, एनसीपी की रणनीति से भी सावधान है. एनसीपी ने 2014 में बीजेपी सरकार को तब तक बाहर से समर्थन दे दिया था, जब तक कि शिवसेना गठबंधन में शामिल नहीं हुई थी.
'सरकार के गठन पर अंतिम फैसला उद्धव करेंगे'
वहीं महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर खींचतान के बीच शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने गुरुवार शाम को कहा कि सरकार गठन में देरी अच्छी नहीं है। बीजेपी से बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की भाजपा से कोई बातचीत नहीं हुई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके पिता व सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सरकार के गठन पर अंतिम फैसला लेंगे। आदित्य ठाकरे, राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्होंने 'किसानों के मुद्दों पर चर्चा की।'
एकनाथ शिंदे बने शिवसेना विधायक दल के नेता
शिवसेना ने गुरुवार को एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुन लिया। पार्टी ने जल्द ही महाराष्ट्र के राज्यपाल के साथ अपनी बैठक की घोषणा भी की। आदित्य ठाकरे ने विधायक दल के नेता पद के लिए शिंदे का नाम और और मुख्य सचेतक पद के लिए सुनील प्रभु का नाम प्रस्तावित किया।
आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, "एक निर्वाचित विधायक के रूप में यह मेरा विशेषाधिकार था कि मैं विधायकों के लिए काम करने के लिए शिवसेना संसदीय दल के नेता के रूप में एकनाथ जी का नाम प्रस्तावित करूं। सुनील प्रभु जी को विधायिका के लिए पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में चुना गया है।"