हिमाचल प्रदेश के ऊना में एक स्कूल में जूनियर्स के साथ रैगिंग करने का मामला सामने आया है. रैंगिग करने वाले 7 छात्रों को सस्पेंड प्रिंसिपल ने स्कूल से संस्पेड किया. जिला प्रशासन मामले की जांच में जुटा हुआ है. जल्द फैसला आने की उम्मीद
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ऊना: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के ऊना (Una) में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे एक स्कूल में बच्चों के साथ रैगिंग (Ragging) का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बीते 27 सितंबर 2019 के दिन क्लास 10th में पढ़ने वाले 20 स्टूडेंट्स (Students) ने 7 सीनियर्स के द्वारा रैगिंग किए जाने की शिकायत अपने स्कूल के प्रिंसिपल के पास दर्ज कराई थी. जिसके बाद प्रिंसिपल ने छात्रों की शिकायत पर एक इंटरनल जांच कमेटी बैठाई और फिर जांच में दोषी पाए गए 7 छात्रों को तुरंत बर्खास्त कर दिया.
प्रिंसिपल अनुपमा देवी ने Zee News से बातचीत में बताया कि क्लास 10th के छात्रों ने मेरे पास एक शिकायत भेजी थी कि कुछ सीनियर बच्चे उनकी रैगिंग करते हैं. जिसकी इजाज़त स्कूल में बिल्कुल भी नहीं है. रैगिंग में उन बच्चों से होमवर्क कराया जाता था, कपड़े धुलवाए जाते थे और विरोध करने पर सीनियर बच्चे उनके साथ मारपीट भी करते थे.
मैंने रैगिंग करने वाले 7 छात्रों के पैरेंट्स को बुलाकर फिर उन्हें सस्पेंड कर दिया था. वैसे तो कोई छोटी बात होती है तो हम इंटरनली ही सुलझा लेते हैं लेकिन ये मामला थोड़ा सीरियस था इसीलिए हमनें ये मामला डिप्टी कमिश्नर (Deputy Commissioner) साहब तक पहुंचाया.
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ऊना के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (Additional Deputy Commissioner) अरिंदम चौधरी का कहना है कि डिप्टी कमिश्नर साहब ने ये रैगिंग का मामला हमें सौंपा था. आज हमनें पीड़ित छात्रों और दोषी छात्रों को सुनने के लिए बुलाया था. आज प्रक्रिया पूरी होने के बाद हम इस पर जल्द ही निर्णय लेंगे. ऐसा मामला दोबारा सामने ना आए इसके लिए स्कूल में सीसीटीवी (CCTV) लगाने के निर्देश जारी कर दिए जाएंगें.
Written by- विनय त्रिवेदी