विदेशी तबलीगियों के मामले पर केंद्र ने SC से कहा, '25 ने मानी गलती अब लौट पाएंगे अपने देश'
Advertisement
trendingNow1718737

विदेशी तबलीगियों के मामले पर केंद्र ने SC से कहा, '25 ने मानी गलती अब लौट पाएंगे अपने देश'

इस मामले में पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कहा था कि दिल्ली निजामुद्दीन मरकज में शामिल विदेशी जमातियों की देश वापसी​ फिलहाल संभव नहीं है. केंद्र सरकार ने कहा कि इन लोगों की स्वदेश वापसी तब तक नहीं होगी जब तक उनके खिलाफ भारत में किसी भी राज्य में दर्ज आपराधिक मुकदमे की सुनवाई भारत की अदालतों में पूरी नहीं हो जाती.

विदेशी तबलीगियों के मामले पर केंद्र ने SC से कहा, '25 ने मानी गलती अब लौट पाएंगे अपने देश'

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  में विदेशी तबलीगियों की याचिका पर सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 34 याचिकाकर्ताओं में से 25 याचिकाकर्ताओं ने निचली अदालत में अपनी गलती स्वीकार कर ली है जिन पर जुर्माना लगा कर केस बंद किया गया है. अब वो अपने देश लौट पाएंगे लेकिन बाकी 9 लोग केस लड़ना चाहते हैं. हालांकि ऐसी उम्मीद है कि शायद वो भी माफीनामा देने पर विचार कर रहे हैं.  केंद्र के इस जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 31 जुलाई तक के लिए टाल दी है.

इस मामले में पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने कहा था कि दिल्ली निजामुद्दीन मरकज में शामिल विदेशी जमातियों की देश वापसी​ फिलहाल संभव नहीं है.

केंद्र सरकार ने कहा कि इन लोगों की स्वदेश वापसी तब तक नहीं होगी जब तक उनके खिलाफ भारत में किसी भी राज्य में दर्ज आपराधिक मुकदमे की सुनवाई भारत की अदालतों में पूरी नहीं हो जाती.

बता दें कि कोरोना संकट के बीच भारत सरकार के दिशानिर्देशों और राज्य सरकार व पुलिस के आदेश का उल्लंघन करने पर हजारों जमातियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में क्रिमिनल केस रजिस्टर हैं जिनकी सुनवाई अदालतों में होनी बाकी है. केंद्र सरकार ने हजारों जमातियों को ब्लैकलिस्ट कर उनके वीजा रद्द कर दिए थे, सरकार के इस आदेश के खिलाफ विदेशी जमातियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं.

विदेशी तब्लीगी जमातियों के वीजा रद्द करने और ब्लैकलिस्ट किए जाने के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि प्रत्येक मामले में अलग-अलग आदेश पारित किया गया है. सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने जब इस बात की जानकारी कोर्ट को दी. तब कोर्ट ने कहा कि प्रभावित व्यक्तियों को उस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देनी चाहिए.

जमात के 34 देशों के 34 सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि जमात के 3500 विदेशी सदस्यों का पक्ष सुने बिना केवल एक प्रेस रिलीज के द्वारा उनका वीजा रद्द कर दिया गया और ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भी पूछा था कि अलग-अलग आदेश की बजाय केवल एक प्रेस रिलीज क्यों जारी की गई?

सुनवाई के दौरान याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वीजा जारी करना या रद्द करना सरकार का संप्रभु फैसला है. इसमें कोर्ट दखल नही दे सकता.

उन्होंने कोर्ट को बताया कि प्रत्येक मामले में अलग अलग आदेश जारी किया गया था और इसकी सूचना संबंधित व्यक्ति को ईमेल के जरिये दी गयी थी. सॉलिसिटर जनरल की इस दलील के बाद कोर्ट ने कहा कि उस आदेश को हाई कोर्ट में दिया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: PM मोदी ने लॉन्च की हाईटेक लैब्स, बोले- सिर्फ कोरोना ही नहीं अन्य बीमारियों की भी होगी जांच

याचिकाकर्ताओं के तरफ से यह दलील दी गई कि वीजा कैंसिल करने के बाद जमात के विदेशी सदस्यों को उनके देश वापस भेजा जाना चाहिए. ब्लैकलिस्टिंग का आदेश तो तब लागू होगा जब वो दोबारा भारत आना चाहेंगे. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने दलील दी कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला लंबित है, ऐसे में उन्हें वापस नहीं भेजा जा सकता है.

इस बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बताया है कि 2765 विदेशी तबलीगी जमातियों को निजामुद्दीन के जमात में भाग लेने के लिए ब्लैकलिस्ट किया है. सभी लोगों को ट्रेस नहीं किया जा सकता है. इनमें से 1,906 लुक आउटद जारी किए गए हैं. 11 राज्यों ने लॉकडाउन मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ 205 FIR दर्ज की है और 2,679 वीजा रद्द किए गए हैं.

याचिकाकर्ताओं को स्वदेश भेजे जाने की मांग पर कोर्ट ने कहा कि वो स्वदेश भेजे जाने की मांग सरकार से करें, अदालत इसमें दखल नहीं देगी.

ब्लैकलिस्ट किए जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को सुनवाई करेगा. 

गौरतलब है कि मार्च में जब देश में कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे थे तब दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए थे. कहा गया कि उनकी वजह से अन्य लोगों में भी कोरोना वायरस बहुत ज्यादा तेजी से फैला.

उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रैल महीने में तबलीगी जमात के 960 विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्ट कर दिया था. साथ ही इनके वीजा रद्द कर दिए थे. गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस व अन्य राज्यों की पुलिस से कहा था कि वह अपने-अपने क्षेत्र में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम व विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत कार्रवाई करें.

ये भी देखें-

Trending news