अमरावती के हनुमान प्रसारक मंडल के मैदान पर इस अनोखी शादी का समारोह संपन्न हुआ
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अमर काणे/अमरावतीः अमरावती में इन दिनों एक शादी चर्चा का विषय बनी हुई है. शादी की चर्चा किसी इंतजाम को लेकर नहीं है, बल्कि यह शादी नवदम्पतियों की वजह से लोकप्रिय हो रही है. दरअसल, इस अमरावती में जो शादी हुई है उसके जोड़े दिव्यांग हैं और दिव्यांग होने के साथ ही वह लावारिस भी थे, लेकिन किसी के प्यार और ख्याल ने इन दोनों की जिंदगी बदल कर रख दी. खास बात यह है कि अनिल और वैशाली की शादी में काफी लोगों की भीड़ उमड़ी जिसकी उम्मीद खुद उन दोनों को नहीं थी. सभी लोगों ने नवदम्पति को आशीर्वाद दिया. अमरावती के हनुमान प्रसारक मंडल के मैदान पर इस अनोखी शादी का समारोह संपन्न हुआ.
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जानकारी के अनुसार वैशाली को उसके जन्म के बाद मुम्बई के चेंबूर में लावारिस छोड़ दिया गया था. वहीं अनिल ने बताया कि उसको भी मुम्बई के भेंडीबाजार में लावारिस हालत में छोड़ दिया गया था. न तो हमारे परिवार का पता था और न ही शहर और गांव घर का. दोनो के मुताबिक हमारे परिवार ने हमें हमारे दिव्यांग होने की वजह से ही हमें लावारिस छोड़ दिया गया. हमारे परिवार ने हमें पैदा होते ही छोड़ दिया था और उसके बाद कभी भी मुड़ कर भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि हम कैसे हैं. ऐसे में हमें शंकर बाबा ने पाला और बड़ा किया. उन्होंने बिना किसी शिकायत के हमारा ख्याल रखा और हमारी जरूरतें पूरी कीं.
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उन्होंने उन दोनो को वो सब कुछ देने की कोशिश की जो एक पिता अपने बच्चों के लिए करता है. शंकरबाबा कहते हैं कि यह दोनों लावारिस थे. मैंने उन्हे अपना घर दिया. वह मेरे बच्चों की तरह ही हैं. आज मैं बेहद खुश हुं. अनिल और वैशाली की शादी ने अमरावती के सभी बड़े लोगों को एक साथ लेकर आई. अब इन लोगों की जिंदगी अच्छी करने के लिए सभी समाज को एकसाथ आना होगा. जिसके लिए सरकारी कोशिश के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर भी यह होना जरूरी है. क्योंकि दोनों की ही जिंदगी काफी मुश्किलों भरी रही है, अब ऐसे में एक-दूसरे का साथ उन्हें कहीं न कहीं सुकून देगा और एक-दूसरे की कमी भी उन्हें परेशान नहीं करेगी.