अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में दिखे बड़े बदलाव, गृह मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट
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अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में दिखे बड़े बदलाव, गृह मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट

 जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद हिंसा की घटनाओं में भारी गिरावट देखी गई है. गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घाटी में हिंसा की घटनाओं में करीब 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

फाइल फोटो

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटने के बाद हिंसा की घटनाओं में भारी गिरावट देखी गई है. गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घाटी में हिंसा की घटनाओं में करीब 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. आकड़ों के अनुसार, इस साल 15 जुलाई तक घाटी में कुल 120 हिंसक की घटनाएं हुई हैं, जबकि पिछले साल 188 घटनाएं हुई थीं.

हिंसक घटनाओं में आई भारी गिरावट के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों ने खुशी व्यक्त करते हुए बताया, 'वर्ष 2020 में अब तक 180 आतंकवादी मारे गए हैं. इसमें रियाज नाइकू, जुनैद सेहराई और वलीद जैसे 6 शीर्ष कमांडर शामिल हैं. MHA की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल सिर्फ जुलाई माह में ही 15 विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया गया है. इसमें से 9 आतंकियों की अभी तक पहचान भी नहीं हो सकी है. जबकि शेष बचे आतंकी स्थानीय बताए जा रहे हैं.

'पत्थरबाजी की घटनाओं पर लगी लगाम'
सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी जीत यह है कि अब मुठभेड़ स्थलों के आसपास पथराव की घटनाएं नहीं होती हैं. जो एक बड़ी कामयाबी है. पुलिस अधिकारियों की मानें तो उनके पास घाटी के 95 प्रतिशत लोगों का समर्थन है और जल्द ही 100 प्रतिशत समर्थन होगा और शांति वापस आ जाएगी. जम्मू-कश्मीर पुलिस आईजी विजय कुमार के अनुसार, 'जम्मू कश्मीर के लोगों ने हमेशा सुरक्षाबलों का समर्थन किया है. केवल 5-6 प्रतिशत लोग हैं जो समर्थन नहीं करते हैं और पथराव में शामिल होते हैं.'

'इस साल 79 आम नागरिकों बने आतंकवादी'
आईजी कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल घाटी के 79 युवा विभिन्न आतंकी संगठनों में शामिल हो गए हैं. इसमें से 38 को मुठभेड़ में मार गिराया गया ह जबकि 12 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि बाकी शेष अभी भी घाटी में सक्रिय हैं. आईजी कुमार ने बताया कि राज्य में कानून व्यवस्था दुरुस्त करने में कश्मीर पुलिस की साइबर सेल ने अहम भूमिका निभाई है. इसी के कारण पत्थरबाजों की पहचान करने और ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने में कामयाबी मिली है.

साइबर सेल ने निभाई अहम भूमिका
एसपी ऑपरेशन और साइबर सेल इंचार्ज ताहिर अशरफ कहते हैं, 'हां, एक नियंत्रण है और यह मुठभेड़ स्थलों के प्रबंधन के लिए साइबर पुलिस और स्थानीय पुलिस का सामूहिक प्रयास है. हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपने सभी प्रयास कर रहे हैं. साइबर सेल ने भीड़ को नियंत्रित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

विकास की तरफ दौड़ रहा है जम्मू-कश्मीर
भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर कहते हैं, 'अनुच्छेद 370 हटने के बाद नफरत की दिवार गिर गई है और अलगावादियों की दुकान भी बांध हो चुकी है. अब कश्मीर का युवा अलगावादियों के बहकावे में नहीं आता. जिस तरह यहां आतंक और आतंकियों का सफाया किया जा रहा है, उससे बाद यहां के 98 प्रतिशत हालत ठीक हुए हैं. अब घाटी में अमन और शांति का माहौल है. यह नया जम्मू-कश्मीर है जो विकास की तरफ दौड़ रहा है.

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