जयपुर में ग्रामीण विकास संस्थान के इंजीनियर्स ने की हड़ताल, 5 दिन का दिया अल्टीमेटम
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जयपुर में ग्रामीण विकास संस्थान के इंजीनियर्स ने की हड़ताल, 5 दिन का दिया अल्टीमेटम

गांव के विकास में पूरी ताकत झोंकने वाले इंजीनियर इन दिनों सरकार से खफा चल रहे है. क्योंकि 2012 से पंचायतीराज विभाग के अधीन आने वाले इंजीनियर्स का प्रमोशन ही नहीं हुआ. 

हड़ताल के कारण राजस्थान में इंजीनियरिंग का काम पूरी तरह से ठप हो गया है.

आशीष चौहान/जयपुर: ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग में इंजीनियर हड़ताल पर चले गए हैं. जिस कारण गांवों का विकास कार्य ठप्प हो गया है. लेकिन बात केवल हड़ताल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब तो इंजीनियर सरकार को इस्तीफे भी सौपने जा रहे है़. खबर के मुताबिक, इसकी वजह यह है कि सालों से इंजीनियर्स का प्रमोशन ही नहीं हुआ. नाराज इंजीनियर्स ने सरकार को उनकी मांगों पर सकारात्मक फैसला करने के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है.

दरअसल, गांव के विकास में पूरी ताकत झोंकने वाले इंजीनियर इन दिनों सरकार से खफा चल रहे है. क्योंकि 2012 से पंचायतीराज विभाग के अधीन आने वाले इंजीनियर्स का प्रमोशन ही नहीं हुआ. इसलिए इंजीनियर्स 5 दिन की सामूहिक हड़ताल पर चले गए हैं, जिस कारण पूरे राजस्थान में इंजीनियरिंग का काम पूरी तरह से ठप हो गया है, जिस कारण विकास कार्य थम गए हैं. इंजीनियर्स के हड़ताल पर जाने से नरेगा का काम भी ठप होने लगा है.

ऐसा नहीं कि प्रमोशन के लिए इंजीनियर्स ने पहली बार मांग की हो. सालों से इंजीनियर्स कई बार प्रमोशन किए जाने की मांग करते आए हैं, लेकिन सालों से उनकी मांगों पर कोई अमल नहीं किया गया. पंचायतीराज इंजीनियर एसोसिएशन के 368 इंजीनिसर्य के इस्तीफों पर हस्ताक्षर करके रख रखे हैं. 

इंजीनियर्स का यही कहना है कि अगर पांच दिन में उनकी मांगें नहीं मानी गई तो सरकार को वे सामूहिक रूप से इस्तीफे सौंपेंगे. आपको बता दें कि पूरे प्रदेश में 224 जेईएन, 118 एईएन,21 एक्सईन,4 एसई,1 एसीई काम कर रहे हैं, जो सरकार को इस्तीफा सौपने को तैयार हैं. लेकिन इस्तीफे सौंपने से पहले इंजीनियर अपनी मांगें मनवाने के लिए अपनी तरफ से पूरा जोर लगा रहे हैं. इंजीनियर्स का प्रतिनिधि मंडल एसीएस पंचायतीराज, एसीएस वित्त को अपना मांग पत्र सौंप चुका है. ऐसे में अब देखना यह होगा कि चार दिन में प्रमोशन का हल निकलता है या नहीं.

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