वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इतिहासकार रामचंद्र गुहा के बीच गुरुवार को टि्वटर वॉर चली.
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इतिहासकार रामचंद्र गुहा के बीच गुरुवार को टि्वटर वॉर चली. वित्त मंत्री ने रामचंद्र गुहा से कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह ‘सुरक्षित हाथों’ में है.
इससे पहले इतिहासकार ने ब्रिटिश लेखक फिलिप स्प्राट की 1939 की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि गुजरात आर्थिक रूप से मजबूत था ‘सांस्कृतिक रूप से पिछड़ा था.’
उसके बाद सीतारमण ने एक लेख का वेबलिंक पोस्ट किया जो सितंबर 2018 में प्रकाशित हुआ था. यह लेख पोलैंड सरकार द्वारा जामनगर के पूर्व नरेश महाराज जाम साहेब दिग्विजय सिंह जी जडेजा के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम से जुड़ा था. उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के 1,000 बच्चों को शरण दी थी.
सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘कम्युनिस्ट इंटरनेशनल से जुड़े ब्रिटेन वासी फिलिप स्प्राट ने जब यह लिखा तब गुजरात में यह हो रहा था: जामनगर...महाराजा जाम साहेब दिग्विज सिंह जी ने पोलैंड के 1000 बच्चों को बचाया #संस्कृति. ’’
I thought it was only the Gujarat CM, but now it seems even the FM is obsessing about a humdrum historian's tweets. The economy is surely in safe hands. https://t.co/bBpcK85Hel
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) June 11, 2020
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी गुहा के ट्वीट पर कहा कि भारत के नागरिक विभाजित करने के उनकी चालकी में नहीं फंसेंगे.
उसके तुरंत बाद गुहा ने ट्वीट किया, ‘‘मुझे लगता था कि केवल गुजरात के मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की लेकिन अब ऐसा लगता है कि वित्त मंत्री को भी एक साधारण इतिहासकार का ट्वीट सता रहा है. अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से सुरक्षित हाथों में है.’’
इसको लेकर गुहा पर कटाक्ष करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से सुरक्षित हाथों में है. चिंता करने की जरूरत नहीं है श्रीमान गुहा. मौजूदा राष्ट्रीय चर्चा पर विचारों का संज्ञान लेना + जिम्मेदारी से अपना काम करना कोई विशेष बात नहीं है. किसी भी रूप से इतिहास में रूचि एक बढ़त है. निश्चित रूप से आपके जैसे बुद्धिजीवी व्यक्ति को यह समझ में आना चाहिए.’’
(इनपुट: भाषा )
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