शर्तों के अनुसार वेतन निर्धारण उन्ही समितियों के व्यवस्थापकों का किया जाएगा, जो कि कैड या स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमित रूप से चयनित हुए हो.
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जयपुर: अशोक गहलोत सरकार ने दीपावली पर व्यवस्थापकों को बड़ा तोहफा दिया है. अब सातवे वेतनमान की तर्ज पर राज्य सरकार ने व्यवस्थापकों का वेतनमान बढ़ाने का फैसला लिया है. रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने इस संबंध में आदेश जारी किए है. व्यवस्थापकों को वेतनमान 1 जनवरी 2016 से नेशनल आधार पर मिलेगा. लगातार व्यवस्थापकों की वेतनमान बढ़ाने की मांग चल रही थी, लेकिन अब आदेश जारी होने के बाद व्यवस्थापकों को बड़ी राहत मिली है.
पैक्स, लैम्पस के व्यवस्थापकों को वेतन श्रंखृला एल के अनुसार 18,200-57,900 में परिवर्तन करते हुए महंगाई भत्ता राज्य सरकार के कर्मचारियों के अनुसार दिया जाएगा. वेतन निर्धारण करते समय समिति को कुछ शर्तों का पालन करना बहुत जरूरी होगा.
शर्तों के अनुसार वेतन निर्धारण उन्ही समितियों के व्यवस्थापकों का किया जाएगा, जो कि कैड या स्क्रीनिंग के माध्यम से नियमित रूप से चयनित हुए हो. इसके अलावा संबंधित समिति का पिछले वर्ष तक का ऑडिट करना अनिवार्य होगा लेकिन समिति में संतुलन या हानि की स्थिति में नहीं होनी चाहिए. यदि ऐसा हुआ तो बढ़ाया हुआ वेतनमान देय नहीं होगा.
वेतन निर्धारण के बाद 1 नवंबर 2019 से पहले का एरियर देय नहीं होगा. इसके साथ साथ वेतनमान बढ़ाने के लिए समिति से नियमानुसार प्रस्ताव करवाकर संबंधित उप रजिस्ट्रार और केंद्रीय सहकारी बैंक को सूचित करना होगा. नए वेतन निर्धारण के बाद व्यवस्थापकों को एचआरए देय नहीं होगा.