राजस्थान में अब कचरा उठाने के लिए ग्राम-पंचायत वसूलेगी मासिक शुल्क
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राजस्थान में अब कचरा उठाने के लिए ग्राम-पंचायत वसूलेगी मासिक शुल्क

प्रदेश में अब ग्राम पंचायत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट रूल्स 2016 के तहत सभी पंचायतों में सफाई करने वाले स्वयं सहायता समूह के कर्मचारी घर-घर से कचरा उठाएंगे.

वह दुकानों से भी कचरा संग्रहण करेंगे.

जयपुर: केन्द्र की महत्वाकांशी योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के शहरों में घर-घर से कचरा संग्रहण के लिए आने वाली गाड़ियों में बजने वाला गीत 'स्वच्छ भारत का इरादा' अब गावों में भी सुनाई देगा. शहरों की तर्ज पर अब गांवों में भी सफाई व्यवस्था के लिए कचरा उठाने पर ग्राम पंचायत हर माह शुल्क वसूल करेगी.

प्रदेश में अब ग्राम पंचायत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट रूल्स 2016 के तहत ग्राम पंचायतों में सफाई करने वाले स्वयं सहायता समूह के कर्मचारी घर-घर से कचरा उठाएंगे. साथ ही वह दुकानों से भी कचरा संग्रहण करेंगे. इसके लिए ग्राम पंचायत पर ई-रिक्शा का संचालन होगा, जो हूटर बजाकर कचरा लेगा. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने कचरा उठाव का शुल्क और नियमों की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ जुर्माना राशि भी तय कर दी है.

कुछ ऐसी होगी कचरा उठाने की व्यवस्था
10-15 परिवारों पर एक सार्वजनिक कचरा पात्र, 150-250 परिवारों पर एक तिपहिया रिक्शा, हर पंचायत में 6 से 10 हाथ ठेला और प्लास्टिक कटर मशीन, सेनेट्री नेपकिन पैड, इनसिनेटर कम वेंडिंग मशीन प्रति ग्राम पंचायत पर परिवारों के हिसाब से रहेगी. वहीं, इन प्रमुख पांचों सामग्री की खरीद में करीब साढे चार लाख रुपए खर्च होंगे. सरकार ने इनकी खरीद जिला स्तर पर करवाने के आदेश दिए है. बची राशि प्लांट स्थापित करने समेत उसके प्रबंधन पर खर्च की जाएगी. इस प्रोजेक्ट में 20 लाख रुपये डपटेल से खर्च किए जाएंगे.

गौरतलब हो कि केंद्र सरकार की ओर से चलाई गई इस योजना ने शहरों में साफ-सफाई बनाए रखने के लेकर एक अहम रोल निभाया है. जिससे शहरों की तस्वीर और तकदीर बदली है. अब गांवों में भी की जा रही इस पहल से ना सिर्फ लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे बल्कि गंदगी से निजात पाने के लिए मिलने वाली इस बड़ी राशि से ग्राम पंचायत के भी अच्छे दिन आएंगे.

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