नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे व ग्रामीण सभी सड़कों पर दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2017 से अगस्त 2019 तक की बात करें तो डूंगरपुर जिले में 1176 सड़क हादसों में 534 लोगो की जान गई है.
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अखिलेश शर्मा/डूंगरपुर: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. जिले में खस्ताहाल सडको व अपनी लापरवाही के चलते लोग सड़क हादसे में काल का ग्रास बन रहे हैं. डूंगरपुर जिले में पिछले ढाई साल की बात करें तो यहां विभिन्न क्षेत्रों में 1100 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई है. उनमें 534 लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा है. हालाकि डूंगरपुर पुलिस इन आंकड़ो में कमी लाने के लिए प्रयास कर रही है उसमे कुछ सफलता भी हाथ लगी है.
कहने को तो आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला प्रदेश के पिछड़े जिलों की श्रेणी में आता है लेकिन सड़क हादसो में मौत की संख्या में शायद डूंगरपुर प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल है. नेशनल हाईवे से लेकर स्टेट हाईवे व ग्रामीण सभी सड़कों पर दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2017 से अगस्त 2019 तक की बात करें तो डूंगरपुर जिले में 1176 सड़क हादसों में 534 लोगो की जान गई है.
इधर पुलिस विभाग की बात करें तो पुलिस विभाग ने जिले में 17 गंभीर दुर्घटना क्षेत्र घोषित किए हुए है. जिसमें से 11 दुर्घटना क्षेत्र तो नेशनल हाईवे 8 पर डूंगरपुर जिले की सीमा में 40 किमी क्षेत्र में ही है. वहीं स्टेट हाईवे पर बड़ोदा, गोल, रायकी, खोती, बलवाडा और करोली घाटी में अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती है. इन दुर्घटनाओं के होने में पुलिस विभाग कई कारण मानता है. एसपी डूंगरपुर के अनुसार सड़क निर्माण कुछ तकनीकी खामियां, वाहन चालक द्वारा लापरवाही पूर्वक वाहन चलाना, आवेरलोड, ओवर स्पीड, शराब पीकर वाहन चालाना और बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चालना जैसे कई कारणों से सड़क दुर्घटनाएं में मौतो की संख्या का ग्राफ बढ़ रहा है.
इधर, जिले में बढ़ते सड़क हादसों पर रोकथाम के लिए पुलिस व प्रशासन की ओर से पूरे प्रयास किए जा रहे है. एसपी यादव ने बताया कि पुलिस विभाग ने जो-जो ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं वहां पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाईं गई है. वहीं इसके अलावा कई जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे है जिसमे खासकर विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत स्कूलों में जाकर स्कूली बच्चो को बिना लाइसेंस व शराब पीकर वाहन न चलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. इतना ही नहीं थाना स्तर पर होने वाली सिएलजी की बैठको में भी आमजन को रोड सेफ्टी को लेकर जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया की इन्ही जागरूकता कार्यक्रमों के असर से पिछले ढाई माह में हादसों व मृतको की संख्या में कमी आई है.
बहरहाल. जिले में बढ़ती दुर्घटनाओं व उनमें हो रही मौत के आंकड़े चौंकाने वाले है. हालांकि इनमें कमी लाने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से प्रयास भी किए जा रहे है. लेकिन आवश्यकता है कि पुलिस व प्रशासन के साथ आमजन भी अपनी जिम्मेदारी समझे और यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाकर सुरक्षित सफर करें.