यहां के ब्रह्मपुर, संबलपुर और कटक के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर ओपीडी और अन्य गैर-जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं से दूर रहे.
Trending Photos
भुवनेश्वर: भारतीय चिकित्सा परिषद (आईएमए) द्वारा आहूत देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में सोमवार को ओडिशा के कई अस्पतालों के डॉक्टर कामकाज पर नहीं आये. यह हड़ताल पश्चिम बंगाल में आंदोलन कर रहे चिकित्सकों के समर्थन में की गई है. इस दौरान आपातकालीन और अस्पताल के अंदर की सेवाएं चालू रहीं, जबकि कई अस्पतालों में बाह्य मरीज विभाग (ओपीडी) की सेवाएं प्रभावित हुईं. यहां के ब्रह्मपुर, संबलपुर और कटक के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर ओपीडी और अन्य गैर-जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं से दूर रहे.
ब्रह्मपुर में एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधीक्षक चरण पांडा ने बताया कि जूनियर डॉक्टर और छात्र काम का बहिष्कार कर रहे हैं जबकि आपातकालीन और ओपीडी सेवाओं के सामान्य कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि संबलपुर और कई अन्य जिलों के कई सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने के बजाय ''प्रतीकात्मक'' विरोध प्रदर्शन किया.
'क्या डॉक्टरों की सुरक्षा अहम नहीं? महिला CM ने अपने ईगो को संतुष्ट करना उचित समझा'
वहीं हिमाचल प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों ने सोमवार को ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधकर पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन कर रहे सहयोगी डॉक्टरों के प्रति एकजुटता दिखायी. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की रेजिडेंट्स डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के महासचिव डॉ. भारतेन्दु नेगी ने कहा कि आरडीए सदस्यों की बैठक में अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखभाल के मद्देनजर हड़ताल न करने का फैसला किया गया. हालांकि डॉक्टर काली बांधकर ड्यूटी करते देखे गए.
(इनपुटः भाषा)